झारखंड, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मध्य महाराष्ट्र, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, तेलंगाना, रायलसीमा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु में आगामी 24 घंटे के दौरान भारी वर्षा का अनुमान है. इसके साथ ही इस समय चक्रवाती हवाओं का अक्षेत्र पश्चिमी राजस्थान पर बना हुआ है और मानसून अब पंजाब, हरियाणा औ राजस्थान के अधिकतर हिस्सों से विदा ले चुका है. जल्द ही उत्तर पश्चिमी भारत के बाकी हिस्सों और मध्य भारत से मानसून विदाई की कगार पर पहुंच जाएगा. इसके चलते देश के ज्यादातर पहाड़ी राज्यों में मौसम लगातार शुष्क ही बना हुआ है. हालांकि इस दौरान जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में एक दो जगहों पर हल्की बारिश से इनकार नहीं किया जा सकता है. गौरतलब है कि बीते दिन हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भारी ओलावृष्टि हुई जिस वजह से नकदी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. दरअसल कांगड़ा जिले में बुधवार को पालमपुर, पंचरुखी, बैजनाथ, सुलह, जयसिंहपुर समेत अनेक स्थानों पर भारी बारिश व ओलावृष्टि हुई. इससे धान की फसल और सब्जियों को नुकसान पहुंचा है. कुल्लू जिले के रोहतांग दर्रे में रातभर बर्फबारी होता रहा. रहा. ऐसे में आइए निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के अनुसार जानते है देशभर में अगले 24 घंटे के दौरान किस तरह की मौसमी गतिविधियां रह सकती है-
देश भर में बने मौसमी सिस्टम
हरियाणा के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ हैं. एक ट्रफ रेखा मध्य पाकिस्तान से पश्चिम उत्तर प्रदेश तक फेली हुई हैं. गंगीय पश्चिम के आंतरिक हिस्सों और इससे सटे भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. एक अन्य चक्रवाती सिस्टम बिहार से लेकर गंगा के पश्चिम बंगाल की तरफ बढ़ रहा है. एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण तटीय ओडिशा और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश के सटे इलाको पर बना हुआ है. इस मौसमी प्रणाली से एक ट्रफ रेखा गंगीय पश्चिम बंगाल से होते हुए रायलसीमा तक पहुँच रही है. एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र गोवा के तट से पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर बना है . और ट्रफ रेखा उत्तर-कोंकण और गोवा के तट-किनारे तक फेली हुई है. एक और ट्रफ तमिलनाडु और कर्नाटक के कोमोरिन क्षेत्र से उत्तरी तटीय कर्नाटक तक फैला हुआ देखा जा सकता है.
झारखंड, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मध्य महाराष्ट्र, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, तेलंगाना, रायलसीमा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु में आगामी 24 घंटे के दौरान भारी वर्षा का अनुमान है. इसके साथ ही इस समय चक्रवाती हवाओं का अक्षेत्र पश्चिमी राजस्थान पर बना हुआ है और मानसून अब पंजाब, हरियाणा औ राजस्थान के अधिकतर हिस्सों से विदा ले चुका है. जल्द ही उत्तर पश्चिमी भारत के बाकी हिस्सों और मध्य भारत से मानसून विदाई की कगार पर पहुंच जाएगा. इसके चलते देश के ज्यादातर पहाड़ी राज्यों में मौसम लगातार शुष्क ही बना हुआ है. हालांकि इस दौरान जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में एक दो जगहों पर हल्की बारिश से इनकार नहीं किया जा सकता है. गौरतलब है कि बीते दिन हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भारी ओलावृष्टि हुई जिस वजह से नकदी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. दरअसल कांगड़ा जिले में बुधवार को पालमपुर, पंचरुखी, बैजनाथ, सुलह, जयसिंहपुर समेत अनेक स्थानों पर भारी बारिश व ओलावृष्टि हुई. इससे धान की फसल और सब्जियों को नुकसान पहुंचा है. कुल्लू जिले के रोहतांग दर्रे में रातभर बर्फबारी होता रहा. रहा. ऐसे में आइए निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के अनुसार जानते है देशभर में अगले 24 घंटे के दौरान किस तरह की मौसमी गतिविधियां रह सकती है-
देश भर में बने मौसमी सिस्टम
हरियाणा के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ हैं. एक ट्रफ रेखा मध्य पाकिस्तान से पश्चिम उत्तर प्रदेश तक फेली हुई हैं. गंगीय पश्चिम के आंतरिक हिस्सों और इससे सटे भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. एक अन्य चक्रवाती सिस्टम बिहार से लेकर गंगा के पश्चिम बंगाल की तरफ बढ़ रहा है. एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण तटीय ओडिशा और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश के सटे इलाको पर बना हुआ है. इस मौसमी प्रणाली से एक ट्रफ रेखा गंगीय पश्चिम बंगाल से होते हुए रायलसीमा तक पहुँच रही है. एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र गोवा के तट से पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर बना है . और ट्रफ रेखा उत्तर-कोंकण और गोवा के तट-किनारे तक फेली हुई है. एक और ट्रफ तमिलनाडु और कर्नाटक के कोमोरिन क्षेत्र से उत्तरी तटीय कर्नाटक तक फैला हुआ देखा जा सकता है.
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