जून-सितंबर के मॉनसून सीजन में इस बार बारिश का स्तर लगभग सामान्य रहेगा। मौसम विभाग ने यह अनुमान जताया है। बारिश पर टिकी देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए इस सीजन में होने वाली बरसात जीवन रेखा की तरह है। मौसम विभाग के इस अनुमान से अल निनो के चलते मॉनसून सीजन के पटरी से उतर जाने की चिंता घट गई है।
भारतीय मौसम विभाग ने मॉनसून के लिए अपने पहले अनुमान में कहा कि जून-सितंबर सीजन में बारिश का स्तर लॉन्ग टर्म एवरेज के 96 पर्सेंट पर रह सकता है और इस अनुमान में 5 पर्सेंट तक की गलती हो सकती है। देश में होने वाली सालाना बारिश का 75 पर्सेंट हिस्सा इसी सीजन से जुड़ा है। विभाग जून के शुरू में अनुमान पर अपडेट देगा। तब तक अल निनो की पिक्चर और साफ हो चुकी होगी। अल निनो इफेक्ट से प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में गर्मी बढ़ने के कारण हवाओं का पैटर्न बिगड़ जाता है।
एनालिस्ट्स ने कहा कि मॉनसूनी बारिश अच्छी होने से खाने-पीने की चीजों के दाम नहीं उछलेंगे और इंटरेस्ट रेट में एक और कटौती की जमीन बनेगी। केयर रेटिंग्स के चीफ इकनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा कि इस साल मॉनसून सामान्य रहा और फूड इन्फ्लेशन की स्थिति नहीं बनी तो आरबीआई रेट कट पर विचार कर सकता है।
मौसम के बारे में अनुमान देने वाली ग्लोबल एजेंसियों ने चेतावनी दी थी कि अल निनो से भारतीय मॉनसून प्रभावित हो सकता है, लेकिन मौसम विभाग ने कहा कि ये चिंताएं गंभीर नहीं हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि इंडियन निनो कहे जाने वाले इंडियन ओशन डायपोल नामक पैटर्न से अल निनो का असर घट जाएगा क्योंकि इसके चलते हिंद महासागर में तापमान में अनुकूल बदलाव होंगे।
भारतीय मौसम विभाग के चीफ के जे रमेश ने कहा, 'इस साल मॉनसून खेती-बाड़ी में पिछले साल जैसा ही योगदान देगा। इस साल भी एग्रीकल्चर और इंडियन इकनॉमी के लिए अनुकूल स्थितियों की उम्मीद है।'
एग्रीकल्चरल इकनॉमिस्ट और एग्रीकल्चरल कॉस्ट्स एंड प्राइसेज कमीशन के फॉर्मर चेयरमैन अशोक गुलाटी ने कहा कि यह अनुमान भारत के लिए अच्छा संकेत दे रहा है। उन्होंने कहा कि इस अनुमान को देखते हुए पॉलिसीमेकर्स और किसान, दोनों राहत की सांस ले सकते हैं। जून-सितंबर सीजन में बारिश अगर लॉन्ग पीरियड एवरेज के 96 से 102 पर्सेंट के दायरे में हो तो मौसम विभाग उसे सामान्य मानता है। 1951 से 2000 के बीच के वर्षों में हुई बारिश के औसत को लॉन्ग पीरियड एवरेज कहा जाता है।
मौसम विभाग ने कहा कि बारिश के सामान्य स्तर के 100 पर्सेंट या इससे ज्यादा होने का चांस 38 पर्सेंट है। उसने कहा कि इस साल अगस्त-सितंबर के दौरान अल निनो पैटर्न बनने की आशंका 50 पर्सेंट है। ग्लोबल एस्टिमेट्स में भी इस साल के बाद वाले हिस्से में अल निनो के उभरने का डर जताया गया था।
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