मौसम करवट बदल रहा है। कभी झमाझम बारिश तो कभी कड़कती धूप। ऐसे में किसान भाइयों को फसल की खास सुरक्षा करनी होती है। सब्जियां हों या धान, फल हों या मक्का या अन्य कोई फसल लेकिन बदलते मौसम में कीटों के प्रकोप से फसल की सुरक्षा करना बहुत जरूरी है। आइए आपको बताते हैं कि मक्के में यदि कीटों ने कहर बरपा हो तो किस प्रकार थोड़ी सावधानियां बरतने से ही किसान भाई अपनी फसल को नुकसान पहुंचने से बचा सकते हैं और समय पर अच्छी पैदावार प्राप्त कर मोटी आमदनी भी पा सकते हैं।
मक्का में तना छेदक कीट की निगरानी करनी चाहिए। बचाव के लिए ट्राइको कार्ड @ 4/ एकड़ का उपयोग करना चाहिए। यदि प्रकोप अधिक दिखाई दे तो कार्बारिल पाउडर 2.0 ग्राम प्रति लिटर पानी या कार्बोफुरान 3 प्रतिशत दानें या फोरेट 10 प्रतिशत दानें 8.0 किलोग्राम/एकड़ का बुरकाव करना चाहिए। इस मौसम में मक्का में पत्ती झुलसा रोग के फैलने की संम्भावना होती है। यदि प्रकोप अधिक दिखाई दे तो डायथेन एम-45 /2 ग्राम प्रति लिटर पानी की दर से छिड़काव करना चाहिए। इस समय कपास में बेधक कीटों की निगरानी के लिए फिरोमोन प्रपंच @ 3-4/एकड़ का उपयोग करना चाहिए। बेधक कीटों का प्रकोप अधिक हो तो स्पेनोसेड दवाई 1.0 मि.ली./3 लिटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। गन्ने की फसल में बेधक कीटों के प्रबंधन के लिए ट्राइको कार्ड का प्रयोग अवश्य करें। यदि प्रकोप अधिक दिखाई दे तो कार्बोफुरान दाने का बुरकाव 10 कि.ग्रा./एकड़ की दर से करना चाहिए।
Share your comments