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ओडिशा की गृहणी ने गोबर से बनाया लिपाई के लिए पेंट, पढ़ें सफलता की पूरी कहानी

सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्रालय की एक स्कीम है जिसके अंतर्गत गोबर से पेंट बनाना सिखाया जा रहा है. इस स्कीम से किसानों को आय का एक नया ज़रिया मिला है तो वहीं आम लोगों को मिला है पेंट का एक अच्छा और ईको-फ्रेंडली विकल्प. ओडिशा की बरगढ़ की रहने वाली दुर्गा प्रियदर्शनी ने इसी विधि को अपनाकर पेंट बनाने का काम चालू किया है. आईये जानते हैं इस लेख में क्या है उनकी कहानी.

देवेश शर्मा

सान जब से धरती पर है तब से पशुपालन कर रहा है और पशुओं से मिलने वाली कई चीजों  का इस्तेमाल कर रहा है. उनमें से एक है पशुओं का मल आसान भाषा में जिसे हम गोबर भी कहते हैं. गोबर की अगर बात की जाये तो  किसान इसका प्रयोग खेत में खाद  देने के रूप में  करते हैं. लेकिन अब इसका एक अनोखा प्रयोग  होने लगा है वो है पेंट बनने में. तो आईये जानते हैं इस पेंट बनाने की प्रक्रिया से जुड़ी  दुर्गा प्रियदर्शनी की कहानी और साथ में यह भी  जानते हैं कि यह कैसे बनता है.

दुर्गा ने शुरुआत कैसे की

दुर्गा 2 साल पहले तक एक सामान्य गृहिणी की ज़िन्दगी जी रही  थीं. लेकिन उनके अंदर एक जुनून था कि वह अपनी खुद की एक अलग पहचान बनायें.  और इसके लिए वह सही मौके और बिज़नेस आइडिया की तलाश में थीं. दुर्गा ने मीडिया  से बात करते हुए बताया कि “,मेरी  हमेशा से ही  डेयरी बिज़नेस में रुचि रही  है. जिसको पूरा करने के लिए  हरियाणा झज्जर गांव में जाकर पशुपालन का  काम सीखा. साथ ही वे बताती हैं कि  इंटरनेट पर एक वीडियो देखने के बाद उन्हें पता चला की  गोबर से पेंट बनाया जाता है और इसके लिए सरकार भी सहायता कर रही है. इसके बाद वे पशुपालन छोड़ पूरी तरीके से पेंट बनाने के काम से जुड़ गईं और अपना  नाम बनाने में लग गयीं. लेकिन एक सवाल और है कि वे पेंट बनाने  लिए गोबर कहाँ से लाती हैं. इस पर उनका कहना है कि वे गौशालाओं से और कुछ किसानों से गोबर खरीदतीं हैं. जिससे उन्हें भी आसानी से कच्चा माल मिल जाता है और साथ ही किसानों को भी मदद  हो जाती है.

कैसे बनता है गोबर से पेंट

पेंट बनाने के लिए सबसे पहले गोबर को पानी में बराबर मात्रा में मिलाया जाता हैजिसके बाद इसे ट्रिपल डिस्क रिफाइनरी में डालकर गाढ़ा किया जाता है.  उसके बाद इसमें कैल्शियम कंपोनेंट डालकर पेंट का बेस तैयार किया जाता है और उससे इमल्शन और डिस्टेंपर बनाया जाता है. इस पेंट में लगभग 30 प्रतिशत भाग गोबर ही होता है. फिर बेस कलर के साथ नेचुरल रंग ही मिलाए जाते हैंयानी कि यह पेंट पूरी तरह से ऑर्गेनिक है.

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लोगों को जागरूक करने के लिए उठाये गए कदम

ऑर्गेनिक पेंट(cow dung paint) को लेकर लोगों में अभी  उतनी जागरूकता नहीं है. जिस वजह से इसकी  मांग एक वर्ग तक ही सीमित है. दुर्गा ने अपनी तरफ से प्राकृतिक पेंट की मार्केटिंग के लिए कई प्रयास किए हैं.

उनका प्लांटओड़िशा का एकलौता प्लांट हैजो गोबर से पेंट बना रहा है. वह ओड़िशा सहित छत्तीसगढ़ के कुछ शहरों में भी मार्केटिंग का काम कर रही हैं.  साथ ही उन्होंने बताया कि वह कॉलेज और सेमिनार में भाग लेकर इस पेंट के फायदों के बारे में बात करती हैंताकि लोगों में जागरूकता आ सके. तो ये थी ऑर्गेनिक पेंट बनाने वाली  दुर्गा प्रियदर्शनी की कहानी.

English Summary: - women-made-organic-paint-from-cow-dung Published on: 24 May 2022, 03:00 PM IST

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