Uttarakhand: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की रहने वाली प्रियंका ने मशरूम की खेती की शुरुआत कर अपने गांव वालों के लिए एक मिसाल कायम कर दी है. वह अपनी उपज को बाजार में बेच कर काफी अच्छा मुनाफा भी कमा रही हैं. गांव के लोगों ने कहा कि तुम्हें कोई और काम नहीं मिला, जो मशरूम की खेती कर रही हो. इसके बाद प्रियंका के मन में लोगों को मशरूम का स्वाद चखाने का विचार आया. फिर उन्होंने करीब 2 साल तक अपने गांव वालों को फ्री में मशरूम बांटे. लोगों को जब इससे बनी सब्जियों का स्वाद पसंद आने लगा तो उन्होंने इसे खरीदना शुरू किया. इससे प्रियंका की बिक्री बढ़ने लगी और उन्हें काफी मुनाफा होने लगा.
सबसे पहले ली मशरूम की खेती की ट्रेनिंग
प्रियंका ने अपनी पढ़ाई कक्षा 12वीं तक की थी, इसके बाद इनकी शादी पिथौरागढ़ के ही कांटे गांव में कर दी गई थी, उन्होंने साल 2017 में लक्ष्मण सिंह मेहर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पिथौरागढ़ से एम. ए. की पढ़ाई पूरी की और इसी साल कृषि विज्ञान केंद्र गैना पिथौरागढ़ से मशरूम उत्पादन की ट्रेनिंग भी ली और इसके बाद मशरूम की खेती की शुरुआत की. इस दौरान उन्हें काफी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा.
गांव वालों को दिया रोजगार
प्रियंका ने अपने गांव में मशरूम का उत्पादन कर कई लोगों को रोजगार दिया और कई लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने का काम भी किया. इस कार्य के लिए उनको राज्य सरकार की तरफ से कई बार पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है. बता दें कि सरकारी विभागों ने भी प्रियंका को बाजार उपलब्ध कराने में काफी मदद की. आज उनके पास खरीदारों की कमी नहीं है. प्रियंका अब मशरूम के आचार का भी व्यापार शुरु कर बढ़िया मुनाफा कमा रही हैं.
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पशुपालन और जैविक खेती
प्रियंका मशरूम उत्पादन के साथ ही पशुपालन, मत्स्य पालन और जैविक खेती भी करती हैं. उद्यान विभाग की पहल पर वह कीवी के बागान लगाकर भी बढ़िया मुनाफा कमाने की कोशिश कर रही हैं. प्रियंका बताती हैं कि उनके पति के साथ-साथ उनका पूरा परिवार उनके हर काम में मदद करता है.
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