Strawberry Farmer Success Story: आधुनिकीकरण के इस दौर में किसान भी अब खेती में नई तकनीक और तरकीब को अपना रहे हैं. किसान पारंपरिक खेती जैसे धान-गेहूं की खेती को छोड़कर सब्जी, फल तिलहन, दलहन आदि फसलों को अपना रहे हैं. जिसका परिणाम अच्छा देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी में आज हम उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के किसान राम गोविंद शुक्ला की सफल कहानी साझा करने जा रहे हैं, जिन्होंने पारंपरिक खेती को छोड़ स्ट्रॉबेरी की खेती को अपनाया और अब लाखों की कमाई कर रहे हैं. जिसके बाद अब अन्य किसान भी उनसे प्रेरणा ले रहे हैं.
2 बीघा जमीन में उगाई स्ट्रॉबेरी
राम गोविंद ने पारंपरिक खेती को छोड़कर 2 बीघा जमीन के स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरूआत की. बता दें कि उन्होंने सितंबर के महीने में स्ट्रॉबेरी के पौधें को बाहर से खरीदकर अपने खेतों में रोपा. जिसके बाद वह अपनी फसल का पूरा ध्यान रखते रहे, समय-समय पर फसल में सिंचाई तथा दवा का छिड़काव करते थे, ताकि कीट और रोग फसलों को खराब न कर पाए. किसान राम गोविंद की मानें तो वर्तमान में उन्हें हर दिन 1.30 से 2 क्विंटल तक स्ट्रॉबेरी की उपज प्राप्त हो रही है. जिससे उन्हें स्ट्रॉबेरी को मंडी में बेचने पर 300 रुपए किलो के दाम प्राप्त हो रहे हैं.
10 लोगों को दे रहे रोजगार
किसान राम गोविंद न सिर्फ स्ट्रॉबेरी की खेती कर लोगों के बीच एक प्रेरणा का विषय बन रहे हैं बल्कि वह अपने साथ-साथ 10 और लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं. खबरों की मानें तो अब तक वह लगभग 60 क्विंटल स्ट्रॉबेरी बाजार में बेच चुके हैं, जिससे उन्हें 9,00,000 रुपए की आमदनी प्राप्त हुई है.
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अन्य किसानों के लिए बने प्रेरणा का विषय
किसान राम गोविंद का ये काम वाकई सराहनीय है. जिसे औरैया जिले में उनकी खूब प्रशंसा हो रही है. उन्होंने कर दिखाया किसी भी काम को यदि शिद्दत और विश्वास के साथ चाहों तो सारी अड़चने छोटी लगने लगती हैं. ऐसा नहीं है कि उनका पारंपरिक खेती छोड़ स्ट्रॉबेरी की खेती को अपनाने का निर्णय आसान होगा. उन्होंने भी कई चुनौतियों का सामना कर धैर्य के साथ काम किया. तभी तो वह अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का विषय बन रहे हैं.
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