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शून्य से शुरू किया था सफर, आज राजकुमारी कहलाती है ‘किसान चाची’

“कोशिश करने से मुश्किल आसान होती है, पल में हवाए पूरब से पश्चिम होती है” इस बात को सार्थक कर दिखाया है बिहार की रहने वाली राजकुमारी देवी ने. राजकुमारी देवी मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की रहने वाली है.

सिप्पू कुमार

“कोशिश करने से मुश्किल आसान होती है, पल में हवाए पूरब से पश्चिम होती है” इस बात को सार्थक कर दिखाया है बिहार की रहने वाली राजकुमारी देवी ने. राजकुमारी देवी मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की रहने वाली है. सरैया क्षेत्र से उन्होंने अचार एवं मुरब्बे बेचने का काम शुरू किया था. आज पूरा देश उनके हाथों से बने अचार और मुरब्बे का दिवाना है. कोई भी बड़े ट्रेड की कामयाबी बिना राजकुमारी के उदाहरण के पूरी नहीं होती. लोगों को बस एक बार पता लग जाए कि किसी जगह पर राजकुमारी जी द्वारा बनाए अचार और मुरब्बे मिल रहे हैं, फिर क्या मजाल कि वो खाली रह जाए.

शून्य से सफर की शुरूआत करने वाली एक सामान्य महिला आज देश की किसान चाची है. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि गांव-गांव में साइकिल से घूमकर अचार बेचने वाली राजकुमारी कैसे लाखों महिलाओं शिक्षा और काम के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं.

ऐसे शुरू हुआ सफर

राजकुमारी देवी बताती हैं “कभी सोचा नहीं था कि देश से इतना मान-सम्मान मिलेगा. वर्षों पहले अचार और आटा बनाकर बेचने का काम शुरू किया था. पैसों का अभाव था. समाज किसी औरत को काम करते देख नहीं सकता, जाहिर सी बात है ये परेशानी मुझे भी आई.” राजकुमारी के मुताबिक आम लोग यही सोचते हैं कि अचार के बिजनेस में कोई खास मुनाफा नहीं है, लेकिन किसी भी काम को सही योजना के साथ शुरू किया जाए तो परिणाम अच्छा ही आता है.

परिवार को देती है श्रेय

राजकुमारी कहती है कि आगे बढ़ने के लिए मन में लगन होनी चाहिए. परिवार का साथ अगर प्राप्त हो तो मुश्किलों से लड़ने की हिम्मत मिलती है. आगे बढ़ने में उनके पति एवं परिवार ने बहुत सहयोग किया. राजकुमारी कहती हैं पुरषों को महिलाओं को आगे बढ़ाने में सहायता करनी चाहिए. आज के समय में दोनों का काम करना जरूरी है, क्योंकि महंगाई बहुत बढ़ गई है.

विदेशी कंपनियां नहीं कर सकती मुकाबला

राजकुमारी का मानना है कि किसी भी कामयाबी का मूल मंत्र गुणवत्ता है. उनके उत्पाद लोगों को इसलिए पसंद आते हैं क्योंकि वो शुद्द और गुणवत्ता में सर्वोत्तम हैं. उनका मानना है कि बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों में बनने वाले अचार उनका मुकाबला नहीं कर सकते, क्योंकि वो सिर्फ पैसा कमाने के लिए अचार का निर्माण कर रहे हैं. उनके द्वारा बनाए गए अचार सस्ता होने के कारण समाजे के हर वर्ग की पहुंच में है.

English Summary: this is how rajkumari became from a comman women to kissan chachi Published on: 29 March 2020, 05:00 PM IST

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