हरदोई : तकनीकी खेती से इंजीनियर किसान ने सफलता का मुकाम हासिल किया है। नौकरी छोड़कर खेतीबाड़ी में जुटे युवा किसान ने मशरूम की खेती से अच्छी कमाई करके दिखाई है। उद्यान विभाग की मदद से जिले में देखा जाए तो यह पहला काम शुरू किया गया है, लेकिन जमीन के एक छोटे से टुकड़े में अच्छी पैदावार कर उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर परंपरागत खेतीबाड़ी के बजाय तकनीकी खेती करें तो किसान भी काफी तरक्की कर सकते हैं।
हरदोई शहर के लखनऊ मार्ग निवासी अतुल कुमार ¨सह पुत्र केवी ¨सह ने बीटेक किया था और उसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से एमएसडब्ल्यू की डिग्री हासिल की। शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्हें एक प्राइवेट आटो मोबाइल बनाने वाली कंपनी में अच्छे पैकेज के साथ नौकरी भी दी, लेकिन उन्हें दूसरे के नीचे रहकर काम करना समझ में नहीं और वह घर वापस चले आए और यहां पर खेती करना शुरू कर दिया। उन्होंने शहर के हरदोई- सांडी मार्ग पर ककेडी के पास मन्नापुरवा में एक फार्म खोला जहां पर उन्होंने मशरूम की खेती के लिए दो प्लाट बनाकर शुरू कर दिया और आज वह मशरूम की खेती से अपनी किस्मत चमका रहे हैं। उनका कहना है कि करीब डेढ़ लाख रुपये की लागत में कम दिनों में चार लाख के मसरूम पैदा हो जाएंगे। शहर में हो रही खेती को देखने के लिए जिला उद्यान अधिकारी महेंद्र कुमार ने फार्म पर पहुंचकर उसका जायजा लिया और आवश्यक टिप्स भी दिए।
कैसे तैयार होता है मशरूम : मशरूम की खेती भूसे में होती है। इसके लिए भूसे की आवश्यकता होती है और भूसे में फास्फोरस, यूरिया, डीएपी, चोकर, शिरा, जिप्सम भी डाला जाता है। इस मिश्रण में कीडे न पड़े तो कीटनाशक दवाओं का भी प्रयोग करना पड़ेगा और उसके बाद एक से डेढ़ माह के समय के बाद मशरूम तैयार होना शुरू हो जाता है। एक कुंतल भूसा में लगभग 40 से 35 किलो मशरूम पैदा होता है।
कैसा हो स्थान और कितनी लगेगी लागत : मशरूम की खेती करने के लिए अंधेरे की आवश्यता होती है और खेत को चारों ओर से बंद करना होता है। इसकी खेती के लिए न ही ज्यादा भूमि की आवश्यकता होती है और एक से डेढ लाख रुपए की लागत से तैयार हो जाता है।
मशरूम की खेती के लिए सही समय : मशरूम की खेती का सही समय सर्दियां होती है। इसके लिए किसान को अक्टूबर में इसकी शुरूआत करनी होगी और यह खेती मार्च तक होती है उसके बाद गर्मी में मशरूम की पैदावार नहीं हो सकती है।
जिला उद्यान अधिकारी महेंद्र कुमार ने बताया कि मशरूम की खेती से किसान अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जो भी किसान मशरूम की खेती करना चाहता है उसके लिए विभाग तकनीकी सहायता उपलब्ध कराता है और 27 जनवरी को विभाग की ओर से लखनऊ स्थित उपनिदेशक उद्यान कार्यालय अलीगंज में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जहां पर जाकर मशरूम की खेती की जानकारी किसान प्राप्त कर सकता है।
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