1. Home
  2. सफल किसान

Success Story: लाखों का पैकेज छोड़ अक्षय ने शुरू की सब्जियों की जैविक खेती, अब कमा रहे शानदार मुनाफा!

Success Story of Gurgaon Organic Farmer Akshay Rao: 2016 में आईटी कंपनी में मिलने वाले लाखों के पैकेज को छोड़कर हरियाणा के गुरुग्राम जिले में रहने वाले प्रगतिशील जैविक किसान अक्षय राव ने जैविक खेती की शुरुआत की. वर्तमान समय में सीजनल सब्जियों की जैविक खेती करके वह लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं.

विवेक कुमार राय
Progressive farmer Akshay Rao in his farm
अपने फार्म में प्रगतिशील किसान अक्षय राव, फोटो साभार: कृषि जागरण

Success Story of Gurgaon Organic Farmer Akshay Rao: सफलता वह नहीं है जो आसानी से मिल जाए, बल्कि वह है जो मेहनत, लगन और संघर्ष के बाद प्राप्त होती है. हरियाणा के गुरुग्राम जिले में रहने वाले अक्षय राव की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जिन्होंने 2016 में आईटी कंपनी में मिलने वाले लाखों के पैकेज को छोड़कर खेती को अपनाने का फैसला किया. यह फैसला लेना आसान नहीं था, खासकर तब जब उनके पास अपनी खुद की जमीन भी नहीं थी. लेकिन, अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत के दम पर उन्होंने जैविक खेती में सफलता हासिल की और आज वह एक प्रगतिशील जैविक किसान के रूप में पहचाने जाते हैं.

आइए, आज हम प्रगतिशील किसान अक्षय राव की कृषि क्षेत्र में तय की गई प्रेरणादायक यात्रा के बारे में विस्तार से जानते हैं-

आईटी से खेती तक का सफर

प्रगतिशील किसान अक्षय राव हरियाणा के गुड़गांव जिले के भोंडसी गांव के रहने वाले हैं. पहले वह एक आईटी कंपनी में काम करते थे, जहां उन्हें लाखों रुपये का पैकेज मिलता था. लेकिन उनके मन में हमेशा से कुछ अलग करने की इच्छा थी. 2016 में उन्होंने एक बड़ा फैसला लिया और आईटी की नौकरी छोड़कर खेती करने का मन बनाया. यह फैसला आसान नहीं था, क्योंकि उनके पास खुद की जमीन नहीं थी. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और किराए पर जमीन लेकर जैविक खेती शुरू कर दी.

जैविक खेती की शुरुआत

प्रगतिशील किसान अक्षय राव ने कृषि जागरण से बातचीत में बताया कि उन्होंने खेती शुरू करने से पहले लगभग एक साल तक खेत को खाली छोड़ दिया. इसका कारण यह था कि वह चाहते थे कि खेत में मौजूद रासायनिक तत्वों की मात्रा कम हो जाए और जमीन जैविक खेती के लिए तैयार हो सके.

Progressive farmer Akshay Rao in Mustard Farm
अपने सरसों के खेत में प्रगतिशील किसान अक्षय राव, फोटो साभार: कृषि जागरण

वही उन्होंने जैविक खेती को चुना, क्योंकि वह पर्यावरण के प्रति जागरूक थे और लोगों को स्वस्थ खाना उपलब्ध कराना चाहते थे. जैविक खेती की शुरुआत करने से पहले उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र से ट्रेनिंग ली और अन्य प्रगतिशील किसानों के फार्म का दौरा किया. इससे उन्हें खेती की बारीकियों को समझने में मदद मिली.

जैविक खेती में शुरुआती संघर्ष

शुरुआत में अक्षय राव ने जैविक विधि से ब्रोकली की खेती की, लेकिन जानकारी की कमी के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ा. हालांकि, वह हार नहीं माने और लगातार जैविक खेती करते रहे. उन्होंने नई-नई तकनीकों को सीखा और अपने अनुभव से खेती को बेहतर बनाया. धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लाने लगी और उन्होंने सफलता के नए मुकाम हासिल किए.

सर्टिफाइड आर्गेनिक फार्म की स्थापना

आज अक्षय राव के पास लगभग 5 एकड़ का सर्टिफाइड आर्गेनिक फार्म है, जहां वह पिछले 5 साल से सफलतापूर्वक जैविक खेती कर रहे हैं. उनके फार्म में मुख्य रूप से सीजनल सब्जियां जैसे चुकंदर, ब्रोकली, गोभी, पत्तागोभी, मटर, लैटिस, आलू, प्याज, शलजम, काला गाजर, लाल गाजर, मेंथी, पालक और धनिया आदि की खेती होती है. इसके अलावा वह गेहूं, बाजरा, जौ, सरसों और मूंगफली जैसी फसलें भी उगाते हैं.

Vegetable farming
सब्जियों की खेती , फोटो साभार: कृषि जागरण

तेजस आर्गेनिक: एक ब्रांड के रूप में पहचान

अक्षय राव ने अपने उत्पादों को बेचने के लिए "तेजस आर्गेनिक" नाम से एक ब्रांड बनाया है. उनकी सब्जियां लगभग 100 रुपये प्रति किलो से कम कीमत पर बिकती हैं, ताकि कोई भी आसानी से खरीद सके. उनके उत्पादों की मांग इतनी है कि कुछ सब्जियां तो फार्म पर ही बिक जाती हैं, जबकि कुछ को गुरुग्राम में रहने वाले उपभोक्ताओं के घर तक पहुंचाया जाता है.

उपज का प्रोसेसिंग

अक्षय राव अपनी उपज का प्रोसेसिंग भी करते हैं. वह सरसों से परंपरागत विधि से तेल निकालते हैं और बेचते हैं. इसके अलावा, गेहूं को आटा बनाकर भी बेचते हैं, जिससे उन्हें शानदार आमदनी होती है.

सिंचाई और उत्पादन की आधुनिक तकनीक

अक्षय राव अपनी फसलों की सिंचाई ड्रिप इरिगेशन और स्प्रिंकलर से करते हैं, जिससे समय, लागत और पानी की बचत होती है और अच्छी उपज भी मिलती है. यह तकनीक उन्हें फसल उत्पादन में उत्कृष्टता प्राप्त करने में मदद करती है. इसके साथ ही, वह अपने खेतों में जैविक खाद और जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि जीवा अमृत, घन जीवा अमृत, लस्सी और छाछ से बने उत्पाद, गोबर खाद, नीम के पत्तों से बने जैविक कीटनाशक आदि.

carrots
गाजर की फसल, फोटो साभार: कृषि जागरण

समाज के लिए प्रेरणा

अक्षय राव की सफलता की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो कृषि में हाथ आजमाना चाहते हैं, लेकिन यह सोचकर घबराते हैं कि क्या उन्हें सफलता मिलेगी. अक्षय राव ने यह साबित कर दिखाया है कि यदि इरादे मजबूत हों और मेहनत की जाए, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. 

उनकी कहानी युवाओं को यह सिखाती है कि पारंपरिक पेशों को आधुनिक तकनीक और नवाचार के साथ अपनाकर भी सफलता प्राप्त की जा सकती है.

प्रगतिशील किसान अक्षय राव की सफलता की कहानी का इंटरव्यू देखने के लिए लिंकपर क्लिक करें-

English Summary: Success Story of Gurgaon Organic Farmer Akshay Rao earning huge profit from organic farming of vegetables Published on: 07 February 2025, 12:57 PM IST

Like this article?

Hey! I am विवेक कुमार राय. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News