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कुछ नया करने की चाह ने सोमनाथ को बनाया सफल...

हरियाणा के किसान सोमनाथ ने अपने खेत के एक हिस्से को केसर की खुशबू से महका दिया है. कश्मीर से जानकारी इकट्ठा करने के बाद सोमनाथ ने आधा कनाल में केसर की खेती की शुरुआत की. इस समय फसल पूर्ण रूप से तैयार हो चुकी है.

हरियाणा के किसान सोमनाथ ने अपने खेत के एक हिस्से को केसर की खुशबू से महका दिया है. कश्मीर से जानकारी इकट्ठा करने के बाद सोमनाथ ने आधा कनाल में केसर की खेती की शुरुआत की. इस समय फसल पूर्ण रूप से तैयार हो चुकी है.

किसान सोमनाथ ने बताया पिता से प्रेरणा लेकर जड़ी-बूटियों की खेती शुरू की थी। पिछले 18 साल से यही कर रहा हूं। अब तक सतावर, इशबगोल, कालाबांसा, सफेद मूसली, एलोवेरा, अकरकरा, जीरा व फूलों की खेती कर चुका हूं। करीब 6 वर्ष पहले कैंसर की बीमारी से ग्रस्त होने के बाद भी खेती नहीं छोड़ी। 65 वर्ष की उम्र में अकेले ही 5 एकड़ की खेती संभाल रहा हूं। कई बार कृषि अधिकारी व अन्य प्रशासनिक अधिकारी सम्मानित कर चुके हैं।

दो वर्ष पहले श्रीनगर में रहने वाले दोस्त रामकुमार सैनी ने केसर की खेती करने की सलाह दी। केसर की फसल देखने के लिए पिछले साल श्रीनगर में दोस्त के पास गया। वहां अमेरिकन केसर की खेती के फार्म की विजिट की। फिर मैंने भी केसर की खेती करने का मन बनाया। अक्तूबर माह में आधे कनाल भूमि पर केसर की खेती करने के लिए साढ़े आठ हजार रुपए का बीज खरीद कर लाया और केसर की खेती शुरू कर दी। सिली कलां के किसान सोमनाथ ने बताया कि अब उसकी केसर की फसल तैयार है। दूर-दूर से लोग केसर की इस फसल को आकर देख चुके हैं। 

ओलावृष्टि व बारिश का भी नही पड़ा बुरा प्रभाव केसर का पूरा पौधा है उपयोगी 

गत दिनों ओलावृष्टि व तेज बारिश का भी इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। फसल में बीमारी व कीड़ा लगने की भी कोई शिकायत नही आई है। नील गाय भी इसे नुकसान नहीं पहुंचाती। केसर के फूलों को तोड़ कर छांव में सुखाकर तैयार किया जाता है। इसके बाद इसके पौधे पर डोडियां आती हैं। जिससे केसर का बीज बनता है। वहीं पौधे का शेष भाग हवन सामग्री बनाने में काम आता है। केसर के बीज का प्रयोग तेल बनाने के लिए भी होता है। 

दिल्ली खारी बावली मंडी में बेचने जाऊंगा 

किसान सोमनाथ का कहना है कि बागवानी विभाग व प्रशासन से मदद नहीं मिल पा रही है। करीब एक सप्ताह पहले विभाग के डीएचओ ने केसर देखने के लिए देवेंद्र नाम के अधिकारी को भेजा था। वे आए और देख कर चले गए। अब मैं केसर बेचने दिल्ली की खारी बावली मंडी जाऊंगा। बेचने से पहले केसर का लैबोरेटरी में जांच कराएंगे। केसर का बाजार भाव करीब 400 रुपए प्रति तोला (10 ग्राम) है। बागवानी विभाग के डीएचओ हीरालाल ने कहा कि किसान के केसर और उसकी गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी। 

English Summary: Somnath wants to do something new ... Published on: 17 May 2018, 12:57 AM IST

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