भारत के किसानों (Indian Farmers) ने अपनी खेती से सबको चौंका रखा है. कुछ ऐसी ही ख़बर राजस्थान से भी आ रही है. दरअसल, राजस्थान के कोटा (Kota, Rajasthan) में रहने वाले 55 वर्षीय किसान श्री किशन सुमन (Shri Krishna Suman, Successful Farmer) ने प्रसिद्ध सदाबहार आम (Sadabahar Mango) की बौनी किस्म विकसित की है. यह नई किस्म साल भर रहती है और आम और प्रमुख आम रोगों के लिए प्रतिरोधी है.
किशन सुमन हैं एक सफल किसान (Mr. Kishan Suman- A Successful Farmer)
श्री किशन सुमन माली और बाग प्रबंधन के साथ फूलों की खेती करते हैं. उनका परिवार गेहूं और धान उगाता था. किशन ने अधिक आय के लिए फूल उगाना शुरू किया था. उन्होंने गुलाब की विभिन्न किस्में विकसित की और ऐसा करते हुए उन्होंने आम की खेती में कदम रखा.
श्री किशन सुमन को देश-विदेश (National-International) से सदाभर ग्राफ्टिंग (Grafting) के 8000 से अधिक ऑर्डर मिल रहे हैं. वर्ष 2018 से 2020 के दौरान, उन्होंने पूरे उत्तर भारत, गुजरात, गोवा, महाराष्ट्र में किसानों को 6000 से अधिक पौधों की आपूर्ति की है. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, ओडिशा और दक्षिण भारतीय राज्य जैसे तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में भी कुछ पौधे भेजे गए हैं. श्री किशन सुमन ने स्वयं राजस्थान और मध्य प्रदेश के केवीके (कृषि विज्ञान केंद्रों) और अनुसंधान संस्थानों में 500 से अधिक पौधों का प्रत्यारोपण किया है.
15 साल तक चला शोध (15 years of research)
साल 2000 में, उन्होंने एक आम के पेड़ का पता लगाया, जिसमें सराहनीय विकास पैटर्न और गहरे हरे पत्ते थे. उन्होंने देखा कि यह पेड़ साल भर खिलता रहता है.
उन्होंने इस पेड़ से पांच कलमें तैयार कीं और ग्राफ्ट किए गए पौधे फिर ग्राफ्टिंग के दूसरे वर्ष से फल देने लगे. हालांकि, इस बौनी सदाबहार आम की किस्म को विकसित करने में किशन को 15 साल का समय लगा. NIF (National Innovation Foundation – India) ने श्री किशन सुमन को इस वर्ष आम की किस्म के विकास के लिए 9वें राष्ट्रीय ग्रासरूट इनोवेशन एंड ट्रेडिशनल नॉलेज अवार्ड से सम्मानित किया है.
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अद्वितीय विशेषताएं (Unique Characteristics)
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आम की नई किस्म बौनी है, इसलिए यह किचन गार्डनिंग के लिए उपयुक्त है.
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यह आम की किस्म कुछ वर्षों तक गमलों में उगाई जा सकती है और उच्च घनत्व वाले वृक्षारोपण में अच्छी होती है.
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गूदे में अन्य किस्मों के गूदे की तुलना में कम रेशेदार होता है.
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यह आम का फल लंगड़ा किस्म से ज्यादा मीठा होता है.
भविष्य की योजना (Future Planning)
श्री किशन सुमन ने आगे कटहल पर प्रयोग करने की योजना बनाई है. इस फसल में फल लगने में अधिक समय लगता है और श्री किशन इसके उपज समय को कम करना चाहते हैं.
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