RFOI Second Runner-Up Award 2025: भारत में खेती की परंपरा जितनी पुरानी है, उतनी ही नई है उसमें हो रही आधुनिकता, नवाचार और वैज्ञानिक सोच की धारा. इसी बदलते कृषि परिदृश्य में एक नाम तेजी से उभरकर सामने आया है-मैथ्यूकुट्टी टॉम, जिन्होंने अपने संकल्प, कौशल और दूरदर्शिता से यह साबित कर दिया कि खेती किसी भी बड़े उद्योग से कम लाभकारी नहीं.
केरल के कोट्टायम जिले के मारंगट्टुपिली गांव के रहने वाले मैथ्यूकुट्टी टॉम ने अपने TJT Farms को एक ऐसा “एग्री-इकोसिस्टम” बना दिया है, जो फसलों से लेकर पशुपालन तक, हर क्षेत्र में असाधारण सफलता का उदाहरण है. इन्हीं कारणों से उन्हें कृषि जागरण द्वारा आयोजित MFOI Awards 2025 में RFOI – Second Runner-Up Award से सम्मानित किया गया.
यह सम्मान भारत सरकार के पूर्व सांसद और पूर्व गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी द्वारा प्रदान किया गया, जबकि मंच पर कृषि जागरण के संस्थापक एवं एडिटर-इन-चीफ एम.सी. डोमिनिक और मैनेजिंग डायरेक्टर शाइनी डोमिनिक की गरिमामयी उपस्थिति रही. ऐसे में आइए मैथ्यूकुट्टी टॉम की प्रेरणादायक सफलता की कहानी जानते हैं-
मिट्टी से गहरा जुड़ाव
मैथ्यूकुट्टी टॉम का बचपन साधारण था, लेकिन सपने असाधारण. वे एक ऐसे परिवार से आते हैं जहां खेती और पशुपालन जीवन का हिस्सा था. बचपन में खेतों में काम करने से उन्हें जमीन की भाषा समझने का मौका मिला- कहां कौन-सी फसल उगानी है, कब क्या बोना है और प्रकृति को कैसे पढ़ना है. यह अनुभव आगे चलकर उन्हें एक बड़े कृषि-उद्यमी के रूप में स्थापित करने की मजबूत नींव बन गया.
केवल 10 वर्षों में उन्होंने अपनी 21 एकड़ जमीन को एक सदाबहार, उच्च-उत्पादक और बहु-आयामी फार्मिंग मॉडल में बदल दिया- जो न केवल आय देता है बल्कि सैकड़ों लोगों को प्रेरित भी करता है.
फसलों से 92 लाख रुपये की वार्षिक कमाई
TJT Farms में फसल उत्पादन पूरी तरह वैज्ञानिक और योजनाबद्ध तरीके से किया जाता है. नारियल और जायफल जैसी दीर्घकालिक फसलें उन्हें स्थिर और निरंतर आय प्रदान करती हैं. सबसे आश्चर्यजनक है 1 हेक्टेयर में उगाए गए केले से 60 लाख रुपए की आय, जो उनके उन्नत पौध संरक्षण, पोषक तत्व प्रबंधन और किस्म चयन की गहरी समझ को दर्शाता है.
धान और सब्जियों की खेती से भी नियमित आय प्राप्त होती है. फसलों से कुल आय 92.10 लाख रुपये यह बताती है कि सही तकनीक के साथ सीमित भूमि भी बड़े पैमाने पर आय दे सकती है.
पशुपालन से 17.70 करोड़ की आय
मैथ्यूकुट्टी टॉम की असली पहचान उनके उच्च-पैमाने वाले पशुपालन मॉडल से है. उनका फार्म देश के चुनिंदा बड़े पशुपालन केंद्रों में शामिल है जहां- ब्रॉयलर चिकन, बकरियां, बफेलो, डक, लेयर हेन, जापानी क्वेल, मत्स्य पालन और विशेष रूप से विशाल पिग फार्मिंग एक सुव्यवस्थित, स्वच्छ और उच्च उत्पादन आधारित प्रणाली में संचालित होते हैं.
पिग फार्मिंग अकेले 16.80 करोड़ रुपये की कमाई देती है, जो देश में दुर्लभ है और मैथ्यूकुट्टी की व्यावसायिक क्षमता का प्रमाण भी. सभी पशुपालन इकाइयों को जोड़कर कुल आय 17.70 करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है.
TJT Farms का फार्मिंग मॉडल
मैथ्यूकुट्टी टॉम का सिद्धांत बेहद सरल, लेकिन प्रभावी है- “एक्टिव इकोसिस्टम बनाओ, जहां खेत पशुओं को पोषित करें और पशु खेतों को.” उनके फार्म में-
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पशुओं से उत्पन्न जैविक अपशिष्ट खाद में बदला जाता है
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यह खाद खेतों में उपयोग होती है
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खेतों के पौध अवशेष पशुओं के आहार में काम आते हैं
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पानी का पुनर्उपयोग और माइक्रो मैनेजमेंट लागत घटाता है
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जैविक और आधुनिक तकनीक का संतुलन उत्पादन बढ़ाता है
यही कारण है कि TJT Farms पर्यावरण, आर्थिकता और स्थिरता, तीनों क्षेत्रों में उत्कृष्ट मॉडल माना जाता है.
सालाना 18.62 करोड़ की आमदनी
आज मैथ्यूकुट्टी टॉम उन भारतीय किसानों की अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं, जो खेती को “उद्योग” के रूप में स्थापित कर रहे हैं. उनकी कुल संयुक्त आय 18.62 करोड़ रुपये यह दिखाती है कि-
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सही दिशा
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आधुनिक तकनीक
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मजबूत प्रबंधन
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और निरंतर मेहनत
किसान को करोड़ों की आय दिला सकती है. उनकी कहानी देशभर के किसानों को यह संदेश देती है कि खेती में कमाई की कोई सीमा नहीं, बस दृष्टि और योजना की जरूरत है.
MFOI Awards 2025 में चमका उनका नाम
जब देशभर के 300 कैटेगरी में सफल किसानों को सम्मानित किया जा रहा था, तब मैथ्यूकुट्टी टॉम की उपलब्धियों ने पूरे मंच को आकर्षित किया. उनकी बहु-आयामी फार्मिंग, उच्च उत्पादन, आधुनिक पशुपालन और आर्थिक स्थिरता ने उन्हें RFOI - Second Runner-Up Award दिलाया, जो उनकी मेहनत का बड़ा प्रमाण है.
मैथ्यूकुट्टी टॉम-एक किसान, एक लीडर, एक विज़नरी
उनकी सफलता केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि एक मॉडल है जो भारत की नई कृषि दिशा को दर्शाती है. वे बताते हैं- “किसान अगर सोच बदल ले और खेती को उद्योग की तरह चलाए, तो उसके सपनों की कोई सीमा नहीं रहती.” मैथ्यूकुट्टी टॉम आज लाखों किसानों के लिए प्रेरणा हैं- और यह कहानी उनके संघर्ष, उनकी यात्रा और उनकी जीत को सलाम करती है.
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