भारत के हर राज्य में अगर ऐसा किसान हो तो देश की सूरत नहीं सिरत बदल जाएगी जिससे भारत का कुछ भला हो पायगा ऐसा ही कुछ एहसास मुझे हुआ|इस बार कृषि जागरण जर्नलिस्ट अनिकेत सिन्हा की मुलाकात फरीदाबाद जिले के मंझावली गाँव के सफल किसान मुकेश कुमार यादव से हुई जिन्होंने कृषि के क्षेत्र में तकनीक का प्रयोग करके कृषि को इतना सरल बना दिया| जिससे आने वाले समय में देश में कई ऐसी तकनीक का प्रयोग किया जाए तो कृषि के क्षेत्र में एक नए क्रांति की शुरुआत मानी जाएगी |मुकेश जी राज्य एवं जिले स्तर पर सफल किसान के रूप में कई पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं| श्री यादव के कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए चौ चरण सिंह विश्व विद्यालय से सराहना पुरस्कार ,कृषि विभाग फरीदाबाद से नवोन्मेषी किसान पुरस्कार ,शेरे कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय जम्मू से नवोन्मेषी किसान पुरस्कार 2015 प्रमुख है| यादव दशकों से लगातार से कृषि मेले में भाग भी लेते रहे हैं और अपने व्याख्यान से आधुनिक तकनीक को कृषि में प्रयोग करने की विधि से कई किसानों को जागरूक किया है जिससे ये कई किसानों के प्रेरणा श्रोत बनें
मुकेश कुमार यादव अपने पैत्रिक गाँव मंझावाली से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने के लिए अपने बड़े भाई के पास मुंबई चले गए |शिक्षा पूर्ण होने के बाद इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का अपना खुद का बिजनस शुरू किया पर हमेशा से जमीन से जुड़े होने पर खेती की दुनिया की याद सताने लगती थी |कई देशों में बिजनस का प्रसार करने के बाद बिजनस में मन नहीं लगा तो मुकेश कुमार यादव ने अपने पैत्रिक गाँव वापस आने का फैसला किया जिसका विरोध भी हुआ की आज के समय में खेती के क्षेत्र में हालत ठीक नहीं है कोई फायदा नहीं होगा जैसे कई ताने सुनने को पड़े पर मुकेश कुमार यादव ने अपनी सोच को साकार करना शुरू किया
एक जोश के साथ खेती करना शुरू कर दिया और एक नया कीर्ति मान रचते हुए अच्छे अच्छे किसानों को पछाड़ दिया और बम्पर उत्पादन किया पर हाँ कुछ समस्या जैसे की प्राकृतिक आपदा या कभी उत्पादों का सही मूल्य ना मिल पाना जैसी समस्या से दो चार तो होना पड़ा पर कभी भी हिम्मत ना हारते हुए मुकेश ने अपने मंजिल को हमेशा पाने की कोशिश की है और आज इसका जीता जागता उदाहरण सामने नजर आता है की आज के समय में ये 120 एकड़ में सफलतापुर्वक खेती कर रहें हैं| मुकेश ने कृषि के साथ वानिकी एवं बागवानी के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है जिससे पर्यावरण का भी संतुलन बना है|अभी तक मुकेश ने लगभग 10,000 से ऊपर पोपलर, सफेदा के पेड़ क्रमवार लगा रखे हैं| इन सबमें बूँद सिंचाई तकनीक से पेड़ों में सिंचाई की जाती है जिससे मुकेश को समय के साथ धन की भी बचत हो रही है|बागवानी में मुकेश ने कई फलों जैसे फालसा,केले,अमरुद ,पपीता,अंगूर, के साथ साथ गुलाब,गेंदा,रातरानी, जैसे अन्य प्रकार के फूलों के भी पेड़ लगा रखे हैं|
हँसते हुए मुकेश जी ने बताया की हमारे फार्म हाउस को हमने ऐसा बनाया है की जो भी हमारे बागान में आएगा वो यहाँ से फलों को यंही तोड़ कर यहीं खा सकते हैं और ये बताया की हमने तो अपने खेत में हर सीजन के फलों के पेड़ लगा रखे लगा रखें हैं जिससे कोई कभी भी आए उसे हमेशा ताजे फल खाने को मिलेंगे| मुकेश ने अपने फार्म हाउस पर सोलर तकनीक के प्रयोग बिजली की सुविधा उपलब्ध है| फसलों को जानवरों से सुरक्षा के लिए बाड़े लगा रखे है जिससे उनके फसलों को कोई नुकसान नही पहुँचता है| सिंचाई के लिए भी बिजली की सुविधा होने से कम समय में ही खेतों में पर्याप्त पानी पहुँच जाता है जिससे सबसे ज्यादा इनके समय की बचत होती है
मुकेश कुमार यादव ने गेंहू की उन्नत प्रजाति एच.डी-2851, एच.डी-2912 तथा धान में पूसा बासमती-1,पूसा बासमती-1121 एवं पूसा 2511 का फसल चक्र अपना कर अच्छा उत्पादन हासिल किया है जिससे इन्हें दुगने से भी ज्यादा लाभ मिला है| मुकेश कुमार यादव के द्वारा उपजाए गए बीजों के माध्यम से फरीदाबाद के 135 एवं पलवल के 165 किसानों ने अपने खेतों में अपनाया है| मुकेश ने गेंहू, मुंग, धान, गन्ना, जैसी मुख्य फसलों को फसल चक्र के अनुसार वर्मीकम्पोस्ट एवं ट्राईकोडर्मा का अनुप्रयोग कर पानी की 20 से 40 प्रतिशत की बचत की |खर पतवार नाशक रसायनों के प्रयोग को 60 प्रतिशत से घटा कर 20 प्रतिशत तक किया जिससे इनकी आय में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई| धान में श्री विधि के प्रयोग से बिज, खाद, रसायन एवं समय कि बचत की जिससे उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी हुई| आधुनिक कृषि यंत्रों के माध्यम से लेजर लेवलर से भूमि समतल करने के तकनीक का प्रयोग किया जिससे सुगमता पूर्वक पौधों का विकास हुआ | सफल किसान मुकेश कुमार यादव अभी 40 एकड़ में धान की खेती कर रहे बाकी अन्य क्षेत्रों में गन्ना ,मक्का एवं अन्य मुख्य फसलें लगा रखीं हैं | अपने खेतों में लगातार सफलपूर्वक उत्पादन से मुकेश कुमार यादव कई किसानों के लिए प्रेरणाश्रोत बनें|
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