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एक महिला ने दिखाई थी जैविक खेती की राह, आज 3 हजार किसानों को हो रहा है बंपर मुनाफा

एक तरफ लगातार खेत-खलिहानों में कीटनाशकों और रासायनिक खादों के प्रयोग से भूमि जहरीली होती जा रही है, तो वहीं समाज में कैंसर जैसी भयानक बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. लेकिन हमारे ही देश में किसानों का एक वर्ग ऐसा भी है, जो हर हाल में जैविक खेती करना चाहता है. इन किसानों को मुनाफे से अधिक चिंता लोगों के स्वास्थय की है.

सिप्पू कुमार

एक तरफ लगातार खेत-खलिहानों में कीटनाशकों और रासायनिक खादों के प्रयोग से भूमि जहरीली होती जा रही है, तो वहीं समाज में कैंसर जैसी भयानक बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. लेकिन हमारे ही देश में किसानों का एक वर्ग ऐसा भी है, जो हर हाल में जैविक खेती करना चाहता है. इन किसानों को मुनाफे से अधिक चिंता लोगों के स्वास्थय की है.

हिमाचल प्रदेश के शिमला में ऐसा ही एक गांव है, जिसका नाम है पंजयाणु. इस गांव की सबसे खास बात ये है कि यहां हर किसान सौ प्रतिशत प्राकृतिक खेती ही करता है. आज के समय मे यहां लगभग 40 बीघा जमीन पर संपूर्ण रूप से प्राकृतिक खेती की जा रही है. आपको जानकार हैरानी होगी, लेकिन यहां जैविक खेती को बढ़ावा देने में किसी सरकार से अधिक योगदान महिलाओं का है.

महिलाओं ने जलाई अलख

स्थानीय लोगों के मुताबिक आज गांव और आस-पास के सभी क्षेत्रों किसानों को प्राकृतिक खेती से लाभ हो रहा है. लेकिन ये गांव हमेशा से प्राकृतिक खेती नहीं करता आया था. लोगों को इस ओर मोड़ने की अलख गांव की निवासी लीना ने जगाई थी. आज उनका यह प्रयास राज्य के लिए किसी उदाहरण की तरह प्रसतुत किया जाता है.

ऐसे होता है काम

इस क्षेत्र की सभी महिलाएं खेत खलिहान और घर के कामकाज से मुक्त होने के बाद एक जगह इकट्ठा हो जाती है. यहां वो अपनी-अपनी गाय के गोबर और मूत्र, जड़ी-बूटियों की पत्तियां आदि एकत्रित करती है. इन सभी को मिलाकर जीवामृत, घनजीवामृत और अग्निअस्त्र जैसी दवाईयों का निर्माण किया जाता है.

रंग ला रहा है प्रयास

महिलाओं के इस प्रयास से किसानों को दुगना मुनाफा हो रहा है. एक तरफ तो उत्पादन बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ खाद, केमिकल स्प्रे और दवाईयों के पैसे बच रहे हैं. ऐसी खेती से प्रकृति और खुद किसानों के खेतों को भी किसी तरह की हानि नहीं हो रही है.

3 हजार किसान कर रहे हैं प्राकृतिक खेती

आज के समय में इस गांव को देखते हुए जिले के 3 हजार से अधिक किसान शून्य लागत में प्राकृतिक खेती कर अपना घर चला रहे हैं. जहर मुक्त खेती से जहां एक तरफ क्षेत्र भंयकर बीमारियों से बच रहा है, वहीं किसानों को विशेष पहचान भी मिल रही है. परलागत पर कोई खर्चा नहीं आ रहा है, जिस कारण बचत का पैसा मिश्रित पैदावार में काम आ रहा है.

English Summary: more than 3 thousand farmers earn profit by organic farming know more about it Published on: 21 April 2020, 05:42 PM IST

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