आज का समय उन्नत खेती का है. मेहनत से अधिक आज सर्माट खेती की जरूरत महसूस की जा रही है. नवीन तकनीकों एनं संसाधनों के सहारे बहुत कम लागत में उपज को बढ़ाया जा सकता है. इसी बात को सिद्ध कर दिखाया है किसान संजीव नैय्यर ने. संजीव कटनी तहसील (मध्य प्रदेश) के ग्रामीण हैं और आज के समय में सफल किसान के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं.
संजीव यूके, लिप्टस, अनार, गुलाब, नींबू, प्लांटेशन आदि की खेती करते हैं, लेकिन मुख्य रूप से उन्हें केले की खेती के लिए जाना जाता है. 10 एकड़ में केले की खेती से वो बंपर मुनफा कमा रहे हैं. कुछ ही सालों में केले की खेती ने उन्हें लखपती किसानों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है. अपने बारे में बताते हुए वो कहते हैं, “एक एकड़ में केले से ड्रिप पद्धति के सहारे एक लाख रूपये तक का खर्च बैठता है, जिसमें दो लाख रूपये से पांच लाख रूपये प्रति एकड़ के औसत कमाई हो जाती है.”
कुछ वर्ष पहले ही लगाया था प्लांट
संजीव कहते हैं कि केले की खेती उनके लिए एक नवीन तरह का प्रयोग ही था. इस क्षेत्र में उन्हें कोई बहुत लंबा अनुभव नहीं था. संजीव ने बताया कि उन्होनें आज से 3 साल पहले केले की खेती शुरू की थी. तब भी लोगों की आम राय यही थी कि मुनाफा तो केवल केवल गेहूं और धान ही दे सकता है. लेकिन आज उनकी सफलता को देखते हुए क्षेत्र के अन्य किसान भी केले की खेती करने को प्रोत्साहित हो रहे हैं.
कम लागत में अधिक मुनाफा
संजीव ने बताया कि केले की खेती के लिए एक एकड़ में लागत 50 हजार के आसपास की आती है, जबकि ड्रिप पद्धति में कुल 90 हजार रूपये से लेकर एक लाख रूपये तक की लागत आती है. एक पौधा लगभग 60 से 70 किलो की पैदावार देने में सक्षम हो जाता है, जिससे मार्केट में 15 से 20 रूपये किलो एकड़ में मुनाफा प्राप्त हो सकता है. संजीव के मुताबिक पहले के तीन साल काफी बेहतर उत्पादन मिलने की संभावना रहती है.
Share your comments