उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में जमालपुर ब्लॉक के महोगनी गाँव के किसान केशव प्रसाद कभी खेती से कम आय के चलते काफी चिंतित रहते थे। लेकिन इस बीच इन्हें भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी द्वारा लोबिया की खेती करना शुरु की जिससे वह एक सफल किसान के रूप में परिवर्तित हुए। उन्होंने अपने एक करीबी के अनुसार यहाँ पहुंचकर लोबिया की खेती से प्रभावित होकर इसकी खेती करनी चाही और परामर्शनुसार उन्होंने काशी उन्नति व काशी कंचन किस्म का चयन कर लोबिया की खेती की।
इस दौरान उन्होंने डेढ़ हैक्टेयर की खेती में उन्होंने खेती की जो कि गंगा नदी के किनारे पर है। इस बीच वैज्ञानिकों के सुझाव अनुसार क्यारियां बनाकर सब्जी की बुवाई की। बाजार में उन्होंने हरी लोबिया की बिक्री पर जुलाई के पहले स्पताह में 28 रुपए प्रतिकिलो के दाम प्राप्त किए। सितंबर के अंत तक डेढ़ लाख रुपए की आमदनी प्राप्त की इस दौरान बिक्री के अतिरिक्त उन्होंने अपने खेत में बीज के लिए भी लोबिया भी सुरक्षित रखी। अक्टूबर के अंत तक साढ़े तीन क्विंटल बीज प्राप्त किया जिसे उन्होंने 90 या 150 रुपए प्रति किलो की दर से बिक्री की और 50 हजार रुपए की आमदनी भी प्राप्त की।
उनके मुताबिक उन्होंने शुद्ध आय के रूप में एक ही फसल से एक सीजन के दौरान एक लाख साठ हजार रुपए की आमदनी प्राप्त की है जिससे उन्होंने पशुपालन भी शुरु किया। वह अब एक सफलतम किसान है। वह लोबिया की खेती से सब्जी की सफल खेती करने के लिए मिसाल पेश की है। सब्जी की खेती उनकी आय का मुख्य साधन है।
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