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हल्दी की खेती ने बदली इस किसान की किस्मत, आज है लाखों में कारोबार

Turmeric Cultivation: किसान लक्ष्मीकांत हिबारे आज के समय में हल्दी की खेती करके लाखों की कमाई कर रहे हैं. इन्हें सरकारी की तरफ से कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं. इन्होंने अपने 3.5 एकड़ बंजर भूमि पर सहज और प्राकृतिक वन खेती के माध्यम से हरियाली बनाई है.

लोकेश निरवाल
किसान लक्ष्मीकांत हिबारे
किसान लक्ष्मीकांत हिबारे

आज के समय में खेती से हमारे देश के किसान हजारों-लाखों की कमाई कर रहे हैं. ऐसे ही एक सफल किसान लक्ष्मीकांत हिबारे है, जो हल्दी की खेती से लाखों की कमाई कर रहे हैं. 42 साल के लक्ष्मीकांत हिबारे कलबुर्गी तालुके के हागरगा गांव के रहने वाले हैं. यह अपने 3.5 एकड़ बंजर भूमि पर सहज और प्राकृतिक वन खेती के माध्यम से हरियाली बनाई है. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों सलाह की मदद से लक्ष्मीकांत हिबारे ने सेलम नस्ल के 600 किलो हल्दी ट्यूमर को 29000 रुपये में खरीदा और फिर उन्हें प्राकृतिक व जैविक खादों के द्वारा पृथ्वी की उपजाऊ बढ़ाकर खेत में बोया. इसके लिए उन्होंने एक लाख रुपये तक खर्च किए हैं.

आगे उन्होंने बताया कि हल्दी की खेती से अच्छी पैदावार पाने के लिए उन्होंने सप्ताह में एक बार हल्दी को ड्रिप सिंचाई से पानी और नीम के तेल तथा ट्राइकोडर्मा से रोगों से बचाव करते हैं. इस तरह के उनके हल्दी के पौधे करीब 6 फीट तक बड़े हो गए हैं. इस तरह से उन्होंने अब तक 700 किलो हल्दी पाउडर का उत्पादन कर चुके हैं और इसे उन्हें करीब 2 लाख रुपये तक आमदनी की उम्मीद है.

हल्दी फसल की कटाई

लक्ष्मीकांत हिबारे द्वारा लगाए गए हल्दी के पौधे की पहली फसल की कटाई 10 महीने में की जिससे उन्हें 1.5 टन तक उपज प्राप्त हुई. आगे उन्होंने कहा कि भारत सरकार की प्रयोगशाला में हल्दी के एक परीक्षण ने पुष्टि की है कि करक्यूमिन की मुख्य अंश 3.66 प्रतिशत है. इसका मुख्य कारण चंदन झाड़ के बीच हल्दी का बढ़ना है. यह कैंसर और अन्य कई बीमारियों के लिए रामबाण है.

किसान लक्ष्मीकांत हिबारे सभी हल्दी के टुकड़ों को पानी से अच्छी तरह धोकर नवीनतम तकनीक के अनुसार उबालकर, टुकड़ों को छांटने और साफ करने के बाद, विभिन्न मशीनरी में 30 रुपये प्रति किलोग्राम भुगतान से "हिबारे"ब्रांड नाम के तहत शुद्ध हल्दी पाउडर उत्पादन कर रहे है. उन्होंने कहा कि वह अपनी हल्दी पाउडर को देशभर के कौने-कौने तक पहुंचाने के लिए Whatsapp का इस्तेमाल कर अपने उत्पादों को बेच रहे हैं. उनके 250 ग्राम, 500 ग्राम और 1 किलो शुद्ध हल्दी पाउडर की कीमत क्रमशः 100, 200 और 400 रुपये है.

कृषि अधिकारियों और  वैज्ञानिकों ने की सराहना

वरिष्ठ कृषि अधिकारियों और  वैज्ञानिकों ने किसान लक्ष्मीकांत हिबारे के द्वारा तैयार किए गए शुद्ध हल्दी पाउडर खरीद कर हिबारे के उपलब्धियों को सरहाया. बता दें कि 12 साल से जंगल खेती से जुड़े हुए लक्ष्मीकांत अलग-अलग किस्म के जंगल और बागवानी के 3875 पेड़ लगाएं. इसके अलावा उन्होंने इन पेड़ों के बीच विभिन्न प्रकार की मिश्रित फसलों लगाई है.

सरकार से मिले पुरस्कार

किसान लक्ष्मीकांत हिबारे के द्वारा किए जा रहे कार्यों को देखते हुए राज्य सरकार के द्वारा कृषि पंडित, बैंक ऑफ बड़ौदा का सर्वश्रेष्ठ कृषि, विजय कर्नाटक सुपर स्टार किसान और कर्नाटक रक्षा मंच का हल योगी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. इसके अलावा उन्होंने कई संगठनों से भी  सम्मानित किया गया है.

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लक्ष्मीकांत हिबारे कहते हैं “प्राचीन काल से ही हल्दी का उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों और औषधियों तथा सभी धार्मिक गतिविधियों में किया जाता रहा है. यह प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और कुछ बीमारियों से बचाता है. हल्दी की खेती के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है.” हल्दी की खेती से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए लक्ष्मीकांत हिबारे के नंबर 9886108951 से संपर्क कर सकते हैं.   

English Summary: Farmer Laxmikant Hibare is earning lakhs from turmeric cultivation Haldi ki kheti Published on: 08 May 2024, 02:39 PM IST

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