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घीया की खेती में इस तकनीक से किसान कमा रहा लाखों रुपए, पलभर में हो जाती है बिक्री

हरियाणा के किसान हजारीलाल अपने आधे एकड़ खेत में घीया की खेती कर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. ऐसा कैसे संभव है आइए जानते हैं इस लेख में..

रुक्मणी चौरसिया
Progressive Farmer Hajarilal from Haryana
Progressive Farmer Hajarilal from Haryana

सफलता की मंजिल पर पहुंचने के लिए असफलता की राहों से गुज़रना पड़ता है और इसकी मिसाल हरियाणा के एक किसान ने बखूबी दी है. दरअसल, राज्य के कनीना क्षेत्र में रहने वाले किसान हजारीलाल अपनी परंपरागत खेती (Traditional Farming) को अपनाते हुए आज सिर्फ घीया की खेती (Bottle Gourd Farming) से लाखों रुपए का मुनाफा ले रहे हैं.

आधे एकड़ में घीया की खेती (Gheya Cultivation in Half Acre)

यह कोटिया गांव के निवासी हैं और इन्होंने करीब 15 हज़ार रुपए की लागत से अपने आधे एकड़ खेत में घीया की खेती थी. इस पर उन्हें लगभग डेढ़ लाख रुपए से भी ज़्यादा का मुनाफा हुआ है और साल दर साल इनकी खेती का रकबा बढ़ ही रहा है.  

गोबर की खाद का इस्तेमाल (Use of Cow Dung as a Fertilizer)

हजारीलाल ने घीया की खेती में गोबर की खाद का इस्तेमाल किया और इस प्रयोग से इनकी फसलों की गुणवत्ता बेहद जबरदस्त निकली. यही वजह है कि इनको काफी मुनाफा हुआ और बेचने के लिए कहीं दूर भी नहीं जाना पड़ा.   

बागवानी विभाग से लें मदद (Get help from Horticulture Department)

इन्होंने पहले अपने खेत की गोबर से गहरी जुताई की, जिसके बाद 15 हज़ार रुपए की लागत से घीया की अगैती खेती की. अप्रैल के अंतिम सप्ताह में फिर इन्होंने बिजाई का काम शुरू किया, जिसमें हजारीलाल ने बागवानी विभाग की मदद ली. इन्होंने सबसे पहले खेत में 35 पेड़ बनाए और 300 ग्राम के करीब उसपर क्वालिटी बीज का उपयोग किया. 

घीया की खेती से मुनाफा (Profit from Ghyea Cultivation)

वर्तमान समय में हर रोज़ इनके आधे एकड़ खेत में लगभग 150 किलोग्राम घीया का उत्पादन हो रहा है. बता दें कि इनको बाज़ार में 40 रुपए किलोग्राम की कीमत प्राप्त हो रही है. इसके अनुसार हजारीलाल को रोज़ाना 6000 रुपए का मुनाफा हो रहा है. ख़बरों के मुताबिक, घीया के बाद गाजर व मूली की खेती की जाएगी. 

घीया की खेती के लिए ट्रेनिंग (Training for Gheya Cultivation)

हजारीलाल बताते हैं कि उनके इलाके के किसान निरंतर उनसे घीया की खेती के लिए ट्रेनिंग लेने पहुंच रहे हैं. अभी तक इन्होंने करीब 150 से ज़्यादा किसानों को ट्रेनिंग दी है. इनका मानना है कि परंपरागत तकनीक को अपनाकर किसान उच्च गुणवत्ता वाली फसलें उगा सकते हैं, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिल सकेगा.

आखिर में इन्होंने बताया कि मचान विधि से घीया की खेती करना हमेशा कारगर साबित होता है. इच्छुक किसान एकीकृत बागबानी विकास केंद्र सुंदरह के माध्यम से बेल आधारित सब्जियों की सलाह प्राप्त कर सकते हैं.

English Summary: Farmer is earning lakhs of rupees from this technique in Gheya cultivation, spinach is sold in a blink of an eye Published on: 08 August 2022, 12:47 PM IST

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