1. Home
  2. सफल किसान

इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ शुरू की खेती आज कमा रहे हैं लाखों

आज के समय में कोई युवा इंजीनियरिंग और डॉक्टर की महंगी पढ़ाई करने के बाद भी खेती करने की ज़िद्द पर अड़ जाये तो सबको लगेगा की ये क्या कर रहा है. लेकिन अब पढ़ाई के बाद भी युवाओं के लिए ये जरूरी नहीं है की वे नौकरी ही करे. अब तो युवा मार्डन तरीके से खेती करके नौकरी से ज्यादा कमा रहे हैं. अब देश में ऐसे बहुत से युवा आपको मिल जायेगें जो पढ़ाई करने बाद नौकरी की जगह खेती करना पसंद कर रहे हैं. सबसे खास बात यह है कि ये सभी युवा जैविक खेती करते हैं.

आज के समय में कोई युवा इंजीनियरिंग और डॉक्टर की महंगी पढ़ाई करने के बाद भी खेती करने की ज़िद्द पर अड़ जाये तो सबको लगेगा की ये क्या कर रहा है. लेकिन अब पढ़ाई के बाद भी युवाओं के लिए ये जरूरी नहीं है की वे नौकरी ही करे. अब तो युवा मार्डन तरीके से खेती करके नौकरी से ज्यादा कमा रहे हैं. अब देश में ऐसे बहुत से युवा आपको मिल जायेगें जो पढ़ाई करने बाद नौकरी की जगह खेती करना पसंद कर रहे हैं. सबसे खास बात यह है कि ये सभी युवा जैविक खेती करते हैं.

तिली के राजीव नगर के निवासी आकाश चौरसिया लगभग पिछले आठ सालों से जैविक खेती कर रहे है. आकाश अपने तीन एकड़ खेत में अदरक, करेला, पान, पपीता, टमाटर आदि की फसलें उगाते है. मल्टीलेयर फार्मिंग में एक साथ चार से पांच फसले हर सीजन में उगाते हैं. जिससे खर्च कम होता है और आमदनी चार गुणा ज्यादा हो जाती है. इनके इस फार्मूले को देश के कई किसान अपनाकर देख चुके हैं और फायदा भी खूब कमाया है. आकाश चौरसिया ने अब तक 42 हजार से ज्यादा किसानो और युवाओं को परीक्षण दे चुके हैं. आकाश का कहना है की देश में आज जैविक कृषि की बहुत जरुरत है. उनके इस काम के लिए हाल ही में पीएम नरेन्द्र मोदी ने विज्ञान भवन में उन्हें न्यू इंडिया यूथ अवार्ड से सम्मानित किया था. आपको बता दें कि आकाश को अब तक 12 राष्ट्रिय पुरस्कार मिल चुके हैं.

इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद गढ़कोटा के केकरा गांव के निवासी दीपक चौधरी खेती किसानी करना चालू कर दिया. इन्होंने आईटी से बीई करने के बाद यह रास्ता चुना. उन्होंने बताया की वे करेला,मूली,लौकी और् प्याज का उत्पादन मल्टीलेयर में कर रहे हैं. दीपक का कहना है की उन्होंने यह रास्ता माता-पिता के साथ रहने के लिए चुना है. वे कहते हैं हमें इसमें नौकरी जैसा कोई तनाव भी नहीं है. और मेरी इसमें अच्छी कमाई भी हो रही है. इससे मेरी हर महीने लगभग बीस हजार से ऊपर कमा लेता हूं इसलिए मैं इसे बेहतर समझता हूं.

खेती चिकित्सक पवन श्रीवास्तव ने बताया कि वे वाइसा मुहल्ला में प्रेक्ट्रिस करते हैं और अधिक समय खेती के लिए देते हैं. बिलेहरा के पास टेकपार ग्राम में जमीन है जिस पर वे स्वयं खेती करते हैं. उन्होंने बताया कि करीब 4 एकड़ जमीन पर मुनगा की फसल पर काम कर रहे हैं. इसके लिए वन विभाग द्वारा उन्हें मुनगा के पौधे भी दिए गए हैं. उनकी पत्ती का पाउडर हम बनाते हैं. गुजरात की कंपनी यह पाउडर खरीदती है. यह कुपोषण को दूर करने के लिए बेहतर है. खेती से करीब 1 लाख 60 हजार रुपए की आमदनी हर वर्ष होती है.

English Summary: Engineering jobs are starting to leave millions of farmers today Published on: 16 October 2018, 10:37 AM IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News