उत्तराखंड सरकार ने दिव्या को ‘मशरूम की ब्रांड एम्बेसडर’ के सम्मान से नवाजा था। उतराखंड में मशरूम गर्ल के नाम से मशहूर दिव्या रावत की कहानी काफी प्रेरणादायक है। दिव्या ने कई नौकरियां की, लेकिन उसके दिल में कुछ अलग करने का जुनून था, इसलिए उसने नौकरी छोड़कर खुद का व्यवसाय करने की ठानी। दिव्या ने गांव की नेचुरल रिर्सोसेज का इस्तेमाल करके मशरूम की खेती शुरू की। धीरे-धीरे दिव्या ने अपने इस बिजनेस में कई और लोगों को जोड़ लिया और एक कंपनी बनाई, जिसका आज सालाना टर्नओवर 2 से 2.5 करोड़ रुपए है। दिव्या ने बातचीत में अपनी लाइफ के स्ट्रगल और अचीवमेंट्स को शेयर किया।
8 बार छोड़ी नौकरी, फिर किया ये बिजनेस...
दिव्या उत्तराखंड के देहरादून की रहने वाली हैं। उनके पिता तेज सिंह रावत रिटायर्ड आर्मी आफीसर हैं। दिव्या ने अपनी पढ़ाई यूपी के नोयडा से की, इसके बाद एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी भी की। एक के एक दिव्या ने 8 नौकरियां बदली, लेकिन इसके बावजूद भी दिव्या के दिल में कुछ अलग करने की ही तमन्ना थी। इसलिए वो किसी व्यवसाय के बारे में विचार करने लगी और उत्तराखंड वापस आ गईं।
सिर्फ तीन लाख से शुरू की थी कंपनी
दिव्या ने बताया- "हमने मशरूम का कारोबार सिर्फ तीन लाख रूपए से शुरू किया था। धीरे-धीरे दिव्या ने इस खेती से और अधिक लोगों को जोड़ा और उन्हें मशरूम की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया। दिव्या की टीम में काफी लोग हो गए और बिजनेस तेजी से बढ़ने लगा।
महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की पहल
दिव्या ने बताया- "उत्तराखंड में 2013 में महाप्रलय आया था। तब मैंने अपने पैतृक गांव चमोली के कंडारा में जाकर महिलाओं को मशरूम का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी बनाने की पहल की थी। गांव में खाली पड़े खंडहरों और मकानों में ही मशरूम उत्पादन शुरू किया गया। इसके अलावा कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, यमुना घाटी के विभिन्न गांवों की महिलाओं को इस काम से जोड़ा। उस समय की प्रशिक्षण प्राप्त बहुत सी महिलाएं आज भी इस काम में लगी हैं।"
मशरूम गर्ल के नाम से फेमस हैं दिव्या
दिव्या उत्तराखंड में मशरूम गर्ल के नाम से प्रसिद्ध हैं। दिव्या रावत आज सैकड़ों लोगों को बिजनेस का हुनर सीखा रही हैं। दिव्या का घर न सिर्फ मशरूम की प्रयोगशाला है, बल्कि सीखने वालों के लिए किसी उच्च कोटि के संस्थान से भी कम नहीं। यहां, वो सीखने वालों को ना सिर्फ प्रेक्टिकल ज्ञान देती हैं, बल्कि थ्योरी भी समझाती हैं।"
तीन तरह के मशरूम का प्रोडक्शन
दिव्या ने बताया- "इस प्लांट में सालभर में तीन तरह का मशरूम उत्पादित किया जाता है। दिव्या ने कहा कि मैं कोई असाधारण काम नहीं कर रही हूं। मैं बस एक सामाजिक दायित्व को निभा रही हूं, जिससे लोगों की गरीबी और बेरोजगारी जैसे सामाजिक चुनौतिओं का मुकाबला किया जा सके।"
नारी शक्ति पुरूस्कार से सम्मानित
2017 में महिला दिवस के अवसर पर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें नारी शक्ति पुरूस्कार से सम्मानित किया था। इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार ने दिव्या को ‘मशरूम की ब्रांड एम्बेसडर’ के सम्मान से नवाजा था।
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