Poultry Farming Business: मुर्गी पालन भारत का प्राचीन व्यवसाय है, जो आज एक बड़े उद्योग का रूप ले चुका है. 19वीं शताब्दी में इसे व्यावसायिक रूप से पहचाना गया और अब यह किसानों और युवाओं के लिए आय का एक बेहतर स्रोत बन गया है. कम लागत और ज्यादा मुनाफे के कारण यह व्यवसाय तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. केंद्र और राज्य सरकारें मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी, लोन और प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं प्रदान कर रही हैं. यदि आप अपना व्यवसाय शुरू करने की सोच रहे हैं, तो मुर्गी पालन आपके लिए एक शानदार विकल्प हो सकता है.
मुर्गी पालन शुरू करने के लिए आवश्यकताएं
जमीन: मुर्गी पालन के लिए पर्याप्त जमीन चाहिए. यह स्थान गांव या शहर से थोड़ी दूरी पर हो और जहां साफ पानी, स्वच्छ हवा, धूप और वाहनों की सुविधा हो.
आधारभूत संरचना: चूजों के लिए शेड और अन्य व्यवस्थाओं की जरूरत होती है.
मुर्गी पालन के लिए ऋण और सब्सिडी
- सरकार मुर्गी पालन के लिए 25% तक सब्सिडी देती है.
- अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) वर्ग के लिए यह सब्सिडी 35% तक है.
- नाबार्ड (NABARD) के माध्यम से भी सब्सिडी मिलती है.
- कोई भी व्यक्ति पोल्ट्री फार्मिंग के लिए सरकारी बैंक से लोन ले सकता है.
लोन कैसे प्राप्त करें?
- अपने नजदीकी बैंक शाखा से मुर्गी पालन बिजनेस/Poultry Farming Business के लिए लोन की सुविधा प्राप्त की जा सकता है.
- बैंक 'ब्रायलर प्लस योजना/Broiler Plus Scheme' के तहत पोल्ट्री फार्म के लिए 3 लाख रुपये तक का ऋण देता है.
- 5,000 मुर्गियों के पोल्ट्री फार्म के लिए यह लोन उपयुक्त है.
- इस योजना के तहत अधिकतम 9 लाख रुपये तक का लोन लिया जा सकता है.
- लोन चुकाने की अवधि 5 साल है, लेकिन जरूरत पड़ने पर 6 महीने का अतिरिक्त समय दिया जाता है.
किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी?
- पहचान प्रमाण पत्र: ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, पैन कार्ड, या पासपोर्ट.
- पता प्रमाण पत्र: राशन कार्ड, बिजली बिल, टेलीफोन बिल, पानी का बिल या लीज एग्रीमेंट.
- पासपोर्ट साइज दो फोटो.
- पोल्ट्री की परियोजना रिपोर्ट.
- बैंक खाता विवरणी की फोटो कॉपी.
मुर्गी पालन व्यवसाय/Poultry Farming Business कम लागत में शुरू किया जा सकता है और सरकार द्वारा प्रदान की गई ऋण और सब्सिडी की मदद से इसे बड़े पैमाने पर बढ़ाया जा सकता है.
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