मोमबत्ती का व्यापार आज लाखो करोडो का व्यापार है। और ये मैं सिर्फ कह नहीं रहा हूँ बल्कि इस बात का जीता जागता उदहारण हैं भाविश भाटिया जिन्होंने अंधे होकर भी मोमबत्ती बनानी शुरू करी और आज उनकी अपनी सनराइज कैंडल के नाम से मोमबत्ती बनाने की फैक्ट्री है जिसमे सारे अंधे लोगो को ही रोजगार दिया गया है। उनका यह काम अति सराहनीय है आज इस फैक्ट्री की कमाई करोड़ रुपये है ।
मोमबत्ती क्या है |
मोमबत्ती क्या है इसके बारे में तो सबको पता ही है पर फिर भी अपनी अपनी परिभाषा में बता ही देता हूँ की मोमबत्ती दो शब्दों से मिल कर बना है मोम और बत्ती इसको बनाने के लिए भी दो ही चीजो का उपयोग किया जाता है मोम और बत्ती, मोमबत्ती का उपयोग शादी पार्टी, जन्मदिन, दीपावली तथा कई त्यौहारों आदि में किया जाता है । बहुत बार मोमबत्ती का ही उपयोग करना अच्छा लगता है क्योंकि इसकी रौशनी से कमरे अच्छे दिखने लगते हैं और अन्य कई कार्यक्रमों में भी इसका उपयोग किया जाता है।
मोमबत्ती उत्पादन क्या है |
दरअसल यह एक कुटीर उद्योग है जिसमे आपको अपनी क्रिएटिविटी दिखानी होती है की आप बाजार में मौजूद मोमबत्ती से कितनी अच्छी मोमबत्ती बना सकते हैं। इसके लिए आपको थोडा सा प्रशिक्षण लेने की जरूरत होगी जिस से आप डिज़ाइन और रंगों के मेलजोल के बारे में अच्छे से सीख जायेंगे और घर बैठे रंग बिरंगी मोमबत्ती बना पाएंगे।
कहाँ से शुरू करें :
घरेलु उद्योग होने के कारण आप इस व्यापार को चाहे तो अपने घर पर ही शुरू कर सकते हैं । और यदि आप इसको बड़े स्तर की ब्रांडेड फैक्ट्री खोल कर करना चाहते हैं तो भी आप बिलकुल कर सकते हैं जिसके लिए आपको जगह और मनुष्यों की भी जरूरत पड़ेगी तो आप अपनी सुविधा के अनुसार अपना कदम उठा सकते हैं मगर शुरू करने से पहले कही से कुछ महीनो का प्रशिक्षण जरूर लें।
क्या सरकार मदद करेगी
जी हां इस उद्योग को शुरू करने के लिए सरकार मदद करती है महिलाओं, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जन जाति के वर्ग के लिए लोन में 30% तक की छूट मिल जाती है। भारत में मोमबत्ती के बाज़ार की बात करे तो यह व्यापार 8% की दर से वृद्धि कर रहा है ।
किन किन सामग्रियों की आवश्यकता पड़ेगी
- मोम
- मोमबत्ती के धागे
- खाने वाला तेल
- मोमबत्ती रखने के लिए बर्तन
- ईंथर का तेल
- रंग
- इतर (यदि आप खुशबू वाली बनाना चाहें तो)
उपकरण- कांच का बर्तन, सॉस पेन या पॉट, कटार या चीनी, काँटा, टेप और कैंची ।
इसमें कलर डिजाईन रंग आप अपनी क्रिएटिविटी के हिसाब से रख सकते हैं ।
मोमबत्ती बनाने की विधि
- पैराफिन मोम को किसी गहरे बर्तन में पिघलाने के लिए रख दे और इसे घी की तरह पिघलने दें।
- जबतक मोम पिघलता है तब तक आप अपने मोमबत्ती बनाने के सांचे को अच्छे से साफ़ कर दे और उस पर खाने का तेल लगा दें ताकि बादमे उस पर मोम चिपके न।
- सांचे में बने चिन्हों की सहायता से धागा लपेटे, सांचे के हैंडल में धागे को एक सिरे से बंधकर मोमबत्ती के बीच बने खांचे के बीच से ले जाते हुए handle में बने ग्रूम में लपेटते जाते हैं और लास्ट में दुसरे सिरे से बांध देते हैं।
- पुराने सूती कपडे को गीला करके समतल जमीन या बेंच पर बिछाएं फिर उसके उपर सांचे को रखे।
- अब तक हमारा उस बर्तन में रखा हुआ मोम अच्छी तरह पिघल चुका होगा। यद् रखे पैराफिन मोम को 122 से 140 डिग्री फोरेनहाईट (50-60डिग्री सेल्सियस) तक पिघलाना चाहिए ।
- अब पिघले हुए मोम को किसी कटोरी या चम्मच की सहायता से सांचे पर रखे जो मोम नीचे बह जाता है उसको आप इकठा करके दुबारा उसका प्रयोग कर सकते हैं।
- सांचे को पानी में भरी हुई बाल्टी में ठंडा होने के लिए रख दें।
- मोम को सांचे में जमने के लिए 10-15 मिनट तक पानी में रखें ठंडा होने पर अगर मोम की मात्र कुछ कम रह गयी हो तो दुबारा उसमे पिघला हुआ मोम भर दे और फिर बाल्टी में ठंडा होने के लिए रख दें।
- अब जिस सांचे में मोमबत्ती जम चुकी है उसके दोनों तरफ के धागे कैची से काट दें।
- सांचे के उपर की तरफ जमे हुए मोम को बीचो बीच चाकू से काटकर सांचे के दोनों भागो के क्लैंप खोलकर अलग करें
- बनी हुयी मोमबत्तियो को सांचे से बहार निकलकर दुसरे सिरे को ब्लेड से काटकर plan कर लें ताकि वह अटक सके
- फिर अपनी पसंद से पैकिंग करें।
क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए
- मोम पिघलाते वक़्त कोई अन्य काम ना करे क्योंकि इसमें आग लगने का खतरा होता है।
- मोम को पिघलाएं,उबालें नहीं।
- सांचे में धागा कसकर लपेटे।
- पानी से भरी बाल्टी में सांचे को अधिक से अधिक डुबोएं पूरा न डुबोएं।
कहां बेचना है
सबसे पहले आपकी पैकिंग अच्छी होनी चाहिए ताकि कोई देख कर ही आकर्षित हो जाये फिर आप चाहे तो अपनी मोमबत्ती को किराने की दुकानों पर, स्टेशनरी की दुकान, मॉल में संपर्क कर के बेच सकते हैं या फिर आप खुद से घर पर भी डिलीवरी कर सकते हैं।
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