हिंदू पंचाग के अनुसार, जन्माष्टमी हर साल भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. इस वर्ष जन्माष्टमी के सही समय को लेकर लोगों में असमंजस बना हुआ है. आइए हम आपको बताते हैं कि यह सितबंर माह के किस दिन मनाई जाएगी.
जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त
भारतीय परंपरा के अनुसार, इस वर्ष जन्माष्टमी 6 सितंबर के दिन बुधवार को 3 बजकर 39 मिनट पर शुरु हो जाएगी. यह अगले दिन 7 सितंबर 4 बजकर 16 मिनट तक रहेगी. अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग 6 की रात्रि को बनेगा. भगवान की मूर्ति का पूजन कर उन्हें लड्डू का प्रसाद चढ़ाना होता है. आप अपने इच्छानुसार, सोने, चांदी या पीतल की मूर्ति की भी पूजा कर सकते हैं. पूजा करने वाले स्थान को अशोक की पत्ती, फूल, माला और सुगंध इत्यादि से खूब सजाने के बाद गंगाजल से सफाई करनी चाहिए.
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
इस दिन पूरे देश में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. देश के छोटे बड़े सभी जगहों पर भगवान की मूर्तियां स्थापित की जाती है. स्कूलों में भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है और छोटे-छोटे बच्चे कान्हा बनकर मटकी से माखन चुराने की कला का प्रदर्शन करते हैं.
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जन्माष्टमी की पूजन विधि
श्रीकृष्ण की पूजा के लिए सर्वप्रथम घर को गंगाजल से साफ कर देना चाहिए. इसके बाद नहा लें. इसके बाद भगवान की मूर्ति की स्थापना करें. रात को फल, फूल और मेवा अर्पित करने के बाद केसर चंदन का तिलक करें. पूजा के बाद शाम को भगवान को मीठे पकवान, माखन और भोजन का भोग लगाएं. ओम नमो भगवते वासुदेवाय के मंत्र का पाठ पढ़ें. इससे आपके मन को शांति मिलेगी और घर में सुख, स्वास्थ और समृद्धि की प्राप्ति होगी.
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