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पढ़िए महिलाओं के अधिकारों एवं सम्मान की लड़ाई लड़ने वाली अनसुइया साराभाई की कहानी...

आज अनसुइया साराभाई का जन्मदिन है। ये उन अग्रणी महिलाओं में हैं जिन्होंने महिलाओं के अधिकारों एवं सम्मान की लड़ाई लड़ी। अनसुइया का जन्म 1885 में गुजरात अहमदाबाद में हुआ था। इन्होंने बचपन में ही अपने माता पिता को खो दिया था। 13 वर्ष की उम्र में उनका विवाह कर दिया गया। लेकिन अपने भाई के प्रयासों के फलस्वरूप वह लंदन पढ़ाई के लिए चली गईं।

 

आज अनसुइया साराभाई का जन्मदिन है। ये उन अग्रणी महिलाओं में हैं जिन्होंने महिलाओं के अधिकारों एवं सम्मान की लड़ाई लड़ी। अनसुइया का जन्म 1885 में गुजरात अहमदाबाद में हुआ था। इन्होंने  बचपन में ही अपने माता पिता को खो दिया था। 13 वर्ष की उम्र में उनका विवाह कर दिया गया। लेकिन अपने भाई के प्रयासों के फलस्वरूप वह लंदन पढ़ाई के लिए चली गईं।

लेकिन पढ़ाई के उपरान्त वह जब वापस भारत आयीं तो वह तत्कालीन भारतीय गरीब महिलाओं की दुर्दशा देखकर काफी चिन्तित हुईं। बस यहीं से उन्होंने महिलाओं के हित के लिए लड़ने की ठानी। वर्ष 1918 में अहमदाबाद में बुनकरों ने देहाड़ी में 50 प्रतिशत की वृद्धि की मांग के लिए प्रदर्शन किया। इसके लिए साराभाई ने भी उनकी मदद करने का इरादा बनाया।

आखिरकार किसी भी प्रकार मजदूरों के लिए 35 प्रतिशत की वृद्धि स्वीकृत हुई। जिसके बाद साराभाई ने अहमदाबाद में देश का पहला टेक्सटाइल लेबर एसोसिएशन की स्थापना की। लेकिन उनकी लड़ाई यहीं समाप्त नहीं हुई। उन्होंने महिलाओं के सम्मान की लड़ाई जारी रखी। देश के इतिहास में इस प्रकार महिलाओं ने अपना योगदान दिया। जिनमें अनसुइया साराभाई का भी एक नाम है। जिसके लिए उन्हें हमेशा याद रखेगा। उनके जन्मदिवस के अवसर पर गूगल ने भी डूडल के जरिए उन्हें याद किया।  

English Summary: Read the story of Anasuya Sarabhai fighting the rights and respect of women ... Published on: 11 November 2017, 05:32 AM IST

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