“उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए.“
ऐसी प्रेरणादायी और वास्तविक पंक्तियां सबका पथ प्रदर्शन करने के लिए कहने वाले, और वाणी से ही नहीं अपने जीवन दर्शन से सबका मार्गदर्शन करने वाले व्यक्तित्व का नाम हैं स्वामी विवेकानंद.
जिनके जन्मदिवस को यादगार और युवाओं के लिए प्रेरक स्त्रोत बनाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन करने के लिए 12 जनवरी, 2022 को पुडुचेरी जाने वाले है. ऐसा क्या ख़ास है राष्ट्रीय युवा दिवस में और कौन थे स्वामी विवेकानंद और क्यों मनाया जाता है युवा दिवस, ये जानिएं इस लेख में-
राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व (Significance of Yuwa Divas In India )
भारत युवाओं का देश माना जाता है. देश के युवा देश-दुनियां में हर क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम लहरा रहे हैं. साथ ही कृषि क्षेत्र में भी नवीनतम तकनीकों का प्रयोग करके खेती को फायदे का सौदा बनाने का प्रयास कर रहे है. स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था. भारत के महान दार्शनिक स्वामी विवेकानन्द के जीवन दर्शन से युवाओं को प्रेरणा मिलें, इस हेतू भारत सरकार ने 12 जनवरी 1984 से राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की घोषणा की थी तभी से हर वर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की शुरुआत हुई.
उद्देश्य (Objective)
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है कि स्वामी विवेकानन्द के विचारों को युवाओं तक पहुंचाया जा सके. स्वामी विवेकानंद के विचारों को जीवन में अपनाकर युवा सफल हो सकते है. जिस तरह से विवेकानंद ने अपने जीवन में सफलता हासिल की, उसी तरह उनके विचारों को अपनाकर युवा पीढ़ी भी सफलता हासिल करे.
कौन थे स्वामी विवेकानंद (Who Is Swami Vivekananda)
स्वामी विवेकानंद देश के महानतम समाज सुधारक, विचारक और दार्शनिक थे. स्वामी विवेकानंद का नाम उनके माता-पिता द्वारा नरेंद्रनाथ दत्त रखा गया था. सन् 1863 में कोलकाता शहर के एक धनी परिवार में जन्मे विवेकानंद के गुरु का नाम श्री रामकृष्ण था. संन्यास लेने के बाद इनका नाम विवेकानंद रखा गया. विवेकानंद की मुलाकात गुरु रामकृष्ण परमहंस से वर्ष 1881 में कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर में हुई थी. परमहंस ने विवेकानंद को मंत्र दिया कि सारी मानवता में निहित ईश्वर की सचेतन आराधना ही सेवा है., स्वामी विवेकानंद की कई रचनाएं प्रसिद्ध है, जिनमें कर्म योग, राज योग, भक्ति योग, ज्ञान योग, माई मास्टर, कोलंबो से अल्मोड़ा के लिए व्याख्यान आदि शामिल है.
अपने गुरू से ही विवेकानंद ने आध्यात्मिक शिक्षा हासिल की थी और दुनियाभर में सनातन धर्म का प्रचार किया था. वर्ष 1893 में अमेरिका में आयोजित विश्व संसद में उनके द्वारा कहे गए शब्दों- ‘मेरे अमेरिकी बहनों और भाइयों’ का असर आज भी दुनियां के ज़ेहन में है. स्वामी विवेकानंद जी वेदों – उपनिषदों के महान ज्ञाता और एक प्रखर वक्ता रहे हैं. उन्होंने विश्वभर में वेदांत दर्शन का प्रसार किया और पूरे विश्व को सनातन धर्म और संस्कृति से परिचित कराया.
विवेकानंद ने अपने जीवन को मानव-मात्र की भलाई के लिए समर्पित कर दिया था. वहीं सन् 1897 में उनके द्वारा स्थापित किए गए रामकृष्ण मिशन को आज दुनिया भर में जाना जाता है 4 जुलाई, 1902 में बेलूर मठ (बंगाल) में उन्होंने अंतिम सांस ली, कहा जाता है कि उन्होंने समाधि ली थी.
कैसे मनाया जाता है युवा दिवस (How to celebrate youth day in India)
भारत के राष्ट्रीय संत स्वामी विवेकानन्द भारतीय युवाओं के प्रेरणा स्रोत है. उन्होंने कहा था- “मेरा विश्वास युवा पीढ़ी, आधुनिक पीढ़ी में है. वे सिंह की भांति सभी समस्याओं से लड़ सकते हैं.” स्वामी विवेकानन्द के ऊर्जादायी विचार आज भी युवाओं को उनके नक्शे क़दम पर चलने के लिए प्रेरित करते है. राष्ट्रीय युवा दिवस को देशभर में युवाओं को प्रोत्साहित करने के कई सार्थक प्रयासों के रूप में मनाया जाता है.
इस दिन भाषण, युवा सम्मेलन, प्रस्तुतियां, युवा उत्सव के आयोजन के साथ ही, प्रतियोगिताएं, संगोष्ठियां, खेल आयोजन, योग सत्र, संगीत प्रदर्शन आदि कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. स्कूलों और कॉलेजों में विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानन्द के जीवन दर्शन और प्रेरणादायी विचारों से परिचित करवाया जाता है. वहीं भारत के युवा कार्य और खेल मंत्रालय द्वारा भी इस अवसर पर युवाओं के लिए कई तरह के आयोजन किए जाते हैं.
इस वर्ष कैसे मनाया जाएगा युवा दिवस (How youth day will be celebrated this year)
राष्ट्रीय युवा महोत्सव भारत में युवाओं की एक वार्षिक सभा है. यह उत्सव युवा आइकान स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. यह प्रत्येक वर्ष एक अलग राज्य में आयोजित किया जाता है. युवा और खेल मंत्रालय द्वारा पुडुचेरी में 12 से 16 जनवरी तक राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. यह स्वामी विवेकानंद की जयंती पर शुरू होगा और भारत की स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष के प्रतीक रूप में मनाया जाएंगा. इस विशेष मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन करने के लिए कल यानि 12 जनवरी, 2022 को पुडुचेरी जाने वाले हैं.
पुडुचेरी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले इस महोत्सव में देश भर से 18 से 22 आयु वर्ग के लगभग 7000 युवाओं के शामिल होने की संभावना है. 12 जनवरी से 16 जनवरी तक चलने वाले इस सप्ताह को राष्ट्रीय युवा सप्ताह के रूप में जाना जाता है. यह युवाओं में राष्ट्रीय एकता, भाईचारे, सांप्रदायिक सद्भाव की भावना और साहस की अवधारणा को प्रचारित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है.
राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन होता है उस प्रेरक व्यक्तिव के जन्मदिवस के अवसर पर, जिनके मन, वचनों और कर्मों में अद्भुत सामंजस्य था, एकाग्रता के धनी थे और कहते थे- “जो कुछ भी तुमको कमजोर बनाता है शारीरिक, बौध्दिक या मानसिक उसे ज़हर की तरह त्याग दो.”
“संभव की सीमा जानने का एक ही तरीका है, असंभव से भी आगे निकल जाना “
“जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप ईश्वर पर विश्वास नहीं कर सकते”
युवा दिवस मनाने का यह प्रयास ही अपने आप में सकारात्मक है. निश्चित ही स्वामी विवेकानंद के कालजयी विचार और कर्म सदियों तक युवाओं का मार्गदर्शन करते रहेंगे.
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