
उत्तर प्रदेश सरकार ने आम जनता की सुरक्षा को लेकर एक अहम फैसला लिया है. अब से प्रदेश में जंगली जानवरों और कीटों के हमले को राज्य आपदा माना जाएगा. इसमें राज्य सरकार ने सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के हमलों को भी राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल करने की मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है. जल्द ही इस संबंध में सरकार के द्वारा अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी.
प्रदेश में अब यदि किसी व्यक्ति की जान इन जानवरों या कीटों के हमले से जाती है या वह घायल होता है, तो उसे या उसके परिवार को यूपी सरकार की ओर से मुआवजा उपलब्ध करवाया जाएगा. आइए इस पहले के बारे में विस्तार से जानते हैं.
पिछले साल बढ़े हमले, कई लोगों की गईं जान
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल बहराइच समेत कई जिलों में सियार और मधुमक्खियों के हमलों में 8 बच्चों और एक महिला की मौत हो चुकी है. वहीं हाल ही में ललितपुर के देवगढ़ क्षेत्र में मधुमक्खियों के हमले में सीडीओ कमलाकांत पांडेय समेत नौ अधिकारी घायल हुए थे. पीलीभीत में सियारों ने सात बच्चों समेत 12 लोगों को घायल किया था.
लोगों को मिलेगा यह मुआवजा
- हमले में मौत पर 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.
- घायल व्यक्ति का सरकारी अस्पताल में निशुल्क इलाज किया जाएगा.
- मुआवजे के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट कारण होना जरूरी है.
- इसके लिए लाभ पाने के लिए आवेदन 1070 हेल्पलाइन या डीएम/एडीएम के माध्यम से किया जा सकता है
- घायल होने के बाद 24 से 72 घंटे में मुआवजा जारी करने की प्रक्रिया तय की गई है.
अब तक ये थीं राज्य आपदा की घटनाएं
अब तक उत्तर प्रदेश में बेमौसम बारिश, आकाशीय बिजली, सर्पदंश, नीलगाय और सांड के हमलों को राज्य आपदा में शामिल किया गया था, लेकिन अब से जानवरों और कीटों के हमले भी इसमें शामिल कर दिए जाएंगे. राज्य सरकार का यह निर्णय खासतौर से ग्रामीण इलाकों में लगने वाले लोगों के लिए राहत बन सकता है, जहां इस तरह के हमले अक्सर देखने को मिलते हैं. राज्य सरकार का यह कदम प्राकृतिक जोखिमों से सुरक्षा की दिशा में एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है.
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