इस बेमौसम आंधी तूफ़ान ने किसानो को अंदर तक झकझोर कर रख दिया यह तो हम सभी ने देखा है पर इसके लिए आवाज उठाने कोई नहीं आएगा क्योंकि यह मसला किसानो का है। किसान देश का अन्नदाता है और बिना किसान के हमारा जीवन संभव नहीं है।
राष्ट्रीय किसान मंच के अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने किसानो का मुद्दा उठाते हुए योगी सरकार से कहा है की किसान सरकार की बात से पलटने वाली आदत से बहुत परेशान है और यही कारण है की किसान आत्महत्या करने पर मजबूर होते जा रहे है। ऐसे में यह बेमौसम बारिश से किसानो की समस्या और बढ़ गई है। शेखर दीक्षित ने कहा कि इस संकट के समय में प्रदेश की योगी सरकार को आपात सहायता कोष खोल देना चाहिए और पीड़ित किसानों के दर्द को समझते हुए उनकी मदद करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा की बीजेपी सरकार गन्ना किसानों से 14 दिन में किए जाने वाले भुगतान का वादा, एक साल बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं कर पायी है. आलू किसानों को उत्पादन मूल्य न मिलने से उनको विधानसभा के सामने आलू फेंककर अपना विरोध दर्ज कराना पड़ा. साथ ही शेखर दीक्षित ने कहा की अगर सरकार का रवैया ऐसा ही रहा तो किसानो की आत्महत्या में बढ़ोतरी होती रहेगी।
इसलिए उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत किसानों के लिए आपात सहायता कोष खोलकर उनकी मदद करे. अगर योगी सरकार किसानों के हित के लिए कोई कदम नहीं उठाती है तो राष्ट्रीय किसान मंच की ओर से किसान विरोधी सरकार के खिलाफ जल्द विधानसभा घेराव किया जाएगा.
किसी ने क्या खूब कहा है "छत टपकती है उसके कच्चे घर की, फिर भी वो किसान करता है दुआ बारिश की " अपने बारे में न सोचते हुए वो किसान देश का पेट भरने के लिए दुआ करता है बारिश की।
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