दिल्ली के इंडिया गेट में शनिवार को वर्ल्ड फूड इंडिया में 50 खानसामे मिलकर 1100 किलो रिकॉर्ड वाली खिचड़ी बनाई. खिचड़ी बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति और हरसमिरन कौर समेत कई दिग्गज हस्तियां जुटीं.
खिचड़ी को इंसुलेटेड कढ़ाई स्टीम में पकाई गई. इंडिया गेट में आग से खाना नहीं पकाया जा सकता, जिसके चलते इंसुलेटेड पाइप से खिचड़ी को पकाया गया है. इस पौष्टिक खिचड़ी को दाल, चावल, बाजरा, रागी मूंग और छिलके वाली दाल से मिलाकर तैयार किया गया.
इंडिया गेट पर चल रहे वर्ल्ड फ़ूड इंडिया में 1100 किलो खिचड़ी बनाई गई. इसमें 500 किलो चावल, 300 किलो दाल, 100 किलो घी और बाकी मसाला डाला गया. इसे मशहूर शेफ संजीव कपूर की कुशल देख-रेख में 50 शेफ ने बनाया गया. हालांकि इसमें देसी घी का तड़का योग गुरु स्वामी रामदेव ने लगाया.
खिचड़ी भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है. देश के अलग-अलग प्रान्तों और इलाकों में इसके खाने और परोसने का अपना अलग अंदाज है, लेकिन एक बात की समानता यह है कि खिचड़ी हर आम और खास के जीवन से जुड़ी हुई है. इस दौरान केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि प्रत्येक भारतीय खिचड़ी के वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने को लेकर बेहद उत्साहित है.
मशहूर शेफ संजीव कपूर ने कहा, 'मैं इतना जानता हूं कि जो चीजें हम रोज खाते हैं...पूरे भारतवर्ष में सब लोग खाते हैं. उससे के बारे में दुनिया को पता न चले और उसकी चर्चा न हो, ऐसा कतई संभव नहीं हैं. खासकर मेरे रहते, तो ऐसा हो ही नहीं सकता.' उन्होंने कहा कि वर्ल्ड फूड इंडिया के जरिए यह संभव हुआ है कि यहां हम पौष्टिक खिचड़ी बना रहे हैं. इसमें रागी, बाजरा और ज्वार जैसी चीजें पड़ी हैं, जो रोज नहीं पड़ती हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'खिचड़ी की जो मात्रा है, वह काफी ज्यादा है. हम इसको आग पर नहीं बना रहे हैं, बल्कि स्ट्रीम से पका रहे हैं.'
केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि खिचड़ी हमारे देश का फेवरेट भोजन है. स्वास्थ्य आदमी से लेकर बीमार आदमी तक खिचड़ी खाता है. विदेश से हमारे मेहमान आए हैं, तो हमने सोचा कि सारे व्यंजनों के साथ-साथ खिचड़ी का भी भोजन बनाया जाए. उन्होंने कहा कि खिचड़ी का बड़ा महत्व है. मकर संक्रांति के दिन 56 प्रकार के भोजन करा दो, लेकिन अगर बेटी को घर आने पर खिचड़ी न दो तो भोजन अधूरा रहता है.
निरंजन ज्योति ने कहा कि खिचड़ी दान में भी दी जाती है और भगवान पर भी चढ़ाई जाती है. आज गुरुपूर्णिमा है. गुरुओं को भी शुभकामनाएं...गुरुओं को भी खिचड़ी बहुत अच्छी लगती है. साधुओं को भी खिचड़ी पसंद है. हमारे यहां आश्रमों में रात में खिचड़ी का ही भोजन होता है, क्योंकि खिचड़ी जल्द हजम हो जाती है. खिचड़ी स्वास्थ्य से जुड़ी होने के साथ ही स्वादिष्ट भी होती है. खिचड़ी को नेशनल डिश घोषित किया जाने पर उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि हमारे इस वर्ल्ड फूड इंडिया में अंतरराष्ट्रीय मंच पर खिचड़ी पड़ोसी जाए.
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ल्ड फूड इंडिया फेस्टिवल का उद्घाटन किया. वर्ल्ड फूड फेस्टिवल में पीएम मोदी खिचड़ी को देश के सबसे पसंदीदा खाने के रूप में पेश कर रहे हैं. यह पहला मौका है कि जब मोदी सरकार इतने बड़े लेवल पर भारतीय खानों को प्रमोट कर रही है.
क्या सचमुच खिचड़ी इतनी सर्वगुण संपन्न है कि उसे सुपर फूड कहां जा सकता है? आचार्य बालकृष्ण की मानें तो सचमुच खिचड़ी में गुण कूट-कूट कर भरे हैं. आचार्य के मुताबिक यह खुशी की बात है कि देर से ही सही लेकिन खिचड़ी को उसका सम्मान मिलने जा रहा है. आचार्य कहते हैं कि खिचड़ी सही मायने में भारत का प्रतिनिधित्व करती है, क्योंकि यह हमारे देश की तरह ‘अनेकता में एकता’को दिखाती है.
खिचड़ी किसी न किसी रूप में भारत के हर राज्य में खाई जाती है, लेकिन हर जगह उसका स्वाद उसका रंग रूप और उसको बनाने का तरीका अलग अलग होता है. खिचड़ी की सबसे बड़ी खासियत भी यही है कि उसमें अपनी पसंद के अनुसार से मनचाहा बदलाव किया जा सकता है. खिचड़ी बनाने के तरीके में तमाम बदलाव करने के बाद भी इसके बुनियादी गुण और स्वाद दोनों बने रहते है.
यह पहला आयोजन होगा, जिसमें न सिर्फ एक्सपिरियंस बल्कि फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा इंवेस्टमेंट लाने की भी कोशिश होगी. इस फेस्ट में 50 ग्लोबल सीईओ भी भाग ले रहे हैं. तीन दिन के इस इवेंट का आयोजन फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री मंत्रालय कर रहा है.
इस फेस्ट में जापान, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड आदि देशों की 100 से ज्यादा कंपनियां भाग ले रही हैं. इंवेट की थीम ट्रांसफॉर्मिंग द फूड इकनॉमी है. वहीं इस फेस्ट में सेमिनार का आयोजन विज्ञान भवन में और मेगा एक्जिबिशन का आयोजन इंडिया गेट पर हो रहा है.
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