कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के चलते किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई किसानों को बिक्री न होने के कारण उत्पादन कम कीमत में बेचना पड़ रहा है लेकिन कई राज्यों के किसान ऐसे भी हैं जो इस लॉकडाउन में भी अपनी सब्जियों को बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं. उत्तराखंड के चमोली जिले के पोखरी ब्लॉक के चमसील गांव की महिलाओं ने भी कुछ ऐसा ही कमाल कर दिखाया है. ये महिलाएं लॉकडाउन के दौरान सब्जी विपणन से बेहतर कमाई कर रही हैं.
गांव की महिलाओं ने करीब 18 हजार रुपये की लागत की मटर का विपणन किया है और उसके साथ ही अन्य सब्जियों का भी विपणन किया जा रहा है. महिलाओं की इस पहल से ग्रामीणों को भी बेहतर आय प्राप्त करने की राह दिखाई दे रही है. गांव की 12 महिलाओं ने वर्ष 2017 में सेवा इंटरनेशनल के सहयोग से गांव में सामूहिक खेती की शुरुआत की थी. जिसके बाद से ही ये महिलाएं अपने उत्पादों को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रही हैं. संक्रमण के चलते लॉकडाउन की वजह से इन दिनों मैदानी इलाकों में सब्जी की सप्लाई नहीं होने के कारण महिलाओं के उत्पादन की मांग बढ़ गई है. ऐसे वक्त में महिलाओं द्वारा इन दिनों 18 हजार लागत की तीन हजार किलो मटर का विपणन किया गया है.
महिलाओं के द्वारा खेतों में मटर के साथ-साथ टमाटर, फ्रेंचबीन व अन्य कई प्रकार की हरी सब्जियों का भी उत्पादन किया जा रहा है. इन महिलाओं के द्वारा आय के लिए किये जा रहे कार्य से गांव में लौटे प्रवासी ग्रामीण भी रोजगार के लिए प्रेरित हो रहे हैं. खेती करने वाली स्थानीय महिलाओं के अनुसार वर्ष 2017 में सभी ने 12 महिलाओं का समूह बनाकर 12 नाली भूमि पर सामूहिक सब्जी उत्पादन का कार्य शुरू किया था. जिसमें महिलाएं अब घरेलू कार्य करने के साथ-साथ खेती से अच्छा लाभ कमा रही हैं. महिलाओं ने न सिर्फ क्षेत्र में खेती करके दिखाया है बल्कि आर्थिक रूप से सशक्त होकर भी लोगों के लिए मिसाल पेश की है.
क्षेत्र की अन्य महिलाएं भी जुटा रही हैं जानकारी
इन महिलाओं से प्रेरित होकर अब क्षेत्र कि अन्य महिलाएं भी खेती के बारे में जानकारी जुटाने लगी हैं. उनका मानना है कि उनके सामने ही महिलाएं गृहस्थी संभालते हुए भी खेती से अच्छा लाभ ले रही हैं, तो ऐसे में उन्हें भी ठीक ऐसा ही करना चाहिए.
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