हर साल किसानों की फसल खरीद को लेकर किसान परेशान रहता है. इस बार अब गेहूं की खरीदी का सीजन आ रहा है . वही दूसरी और सरकार ने अपने बजट में एम्एसपी भी किसानों के लिए घोषित कर दिया है. इस बार सरकार ने अप्रैल से शुरु होने वाले विपणन वर्ष 2018-19 में 3.2 करोड़ टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है. खाद्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि सरकार की ओर से की गई व्यवस्थाओं पर यहां विचार विमर्श के लिए प्रदेशों के खाद्य सचिवों की बैठक में यह निर्णय किया गया. बैठक की अध्यक्षता खाद्य सचिव रवि कांत द्वारा की गई. बयान में कहा गया, ‘‘प्रदेशों के साथ विचार विमर्श के साथ विपणन वर्ष 2018-19 में अनुमानित 3.2 करोड़ टन गेहूं का खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है.’’ हालांकि गेहूं की खरीद का लक्ष्य, विपणन वर्ष 2017-18 के की तीन करोड़ 8.2 लाख टन की वास्तविक खरीद के मुकाबले, कहीं अधिक है.
इस विपणन वर्ष 2018-19 के लिए कुल गेहूं खरीद के लक्ष्य में से पंजाब का सबसे अधिक 1.19 करोड़ टन खरीद करने का लक्ष्य है जबकि हरियाणा का 74 लाख टन, मध्य प्रदेश का 67 लाख टन, उत्तर प्रदेश का 40 लाख टन, राजस्थान का 16 लाख टन, बिहार का 20 लाख टन और उत्तराखंड का 10 लाख टन खरीद करने का लक्ष्य है. गेहूं विपणन वर्ष अप्रैल से लेकर मार्च महीने तक का होता है. अधिकांश थोक खरीद पहले तीन महीनों में की जाती है. एफ.सी.आई. और प्रदेश सरकार की एजेंसियां न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) पर खरीद का काम अंजाम देती हैं.
ज्ञात रहे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में गेहूं सबसे अधिक होता है. इसलिए इन सरकार से गेहूं खरीदी का की सीमा अधिक रखी है. सरकारी खरीदी का जिम्मा इस बार एफसीआई और राज्य की सरकारी एजेंसिया साथ मिलकर निभाएंगी. इस सीजन में गेहूं की खरीदी अच्छे स्तर पर होने की उम्मीद है.
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