Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश सरकार ने आवारा पशु जैसे नीलगाय और सांड की चपेट में आने से घायल या अपंग होने वालों को मुआवजा देने का प्रावधान करने जा रही है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि इस तरह के हमलों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं. मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक 60 प्रतिशत से अधिक अपंग होने पर 2.50 लाख तक का मुआवजा मिलेगा, जबकि 40 से 60 प्रतिशत तक अपंग होने वालों को 74 हज़ार रुपयों का मुआवजा मिलेगा. अगर कोई मरीज एक हफ्ते से अधिक अवधि तक अस्पताल में भर्ती होने पर 16 हजार का मुआवजा मिलेगा. सरकार ने घुमंतू जानवरों खासकर नीलगाय और सांड के हमलों को राज्य आपदा की घटनाओं की सूची में शामिल किया है.
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के 2019 के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 11,84,494 आवारा मवेशी हैं, जो देश में सबसे ज्यादा हैं. यह छुट्टा जानवर सड़कों पर आने-जाने वालों के लिए खतरा पैदा करने के अलावा खेत की फसलों को भी नुकसान पहुंचाते हैं. विभाग ने एक योजना भी शुरू की है जिसके तहत कोई व्यक्ति आवारा मवेशियों को अपने घर या खेत में रख सकता है और उसे प्रतिदिन 30 रुपये प्रति पशु का भुगतान किया जाता है.
पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत वर्तमान में कुल 1.38 लाख आवारा मवेशियों को रखा गया है. इसमें अच्छी संख्या में आवारा मवेशी और दूध देने वाली प्रजातियां भी शामिल हैं जो गरीब परिवारों को दिए जा सकते हैं जो उनकी देखभाल कर सकते हैं और दूध प्राप्त कर सकते हैं. इन छुट्टा पशुओं को बड़े आश्रय गृह में रखने की योजना है और ताकि हर जिले में कम से कम दो हजार या अधिक मवेशी रखे जा सकें.
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सरकार ने छुट्टा जानवर खासकर नीलगाय और सांड के हमलों को राज्य आपदा की घटनाओं की सूची में शामिल किया है. गौरतलब है कि प्रदेश में छुट्टा पशुओं में नील गाय और सांड के हमले या टक्कर की घटनाएं होने पर ही मुआवजा मिलेगा. इससे पहले योगी सरकार ने नीलगाय और सांड के हमले या टक्कर से होने वाली मौतों पर चार लाख के मुआवजे का ऐलान किया है.
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