पंजाब के लुधियाना में गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी में चल रहे दो दिवसीय पशुपालन मेले का आज यानी 15 मार्च 2024 को पशुओं के लिए घरेलू उपचार और एक समृद्ध समाज बनाने के संदेश के साथ संपन्न हुआ है. इस मेले के दूसरे दिन पंजाब के किसान एवं खेत मजदूर आयोग के अध्यक्ष डॉ. सुखपाल सिंह मुख्य अतिथि रहे हैं. इसके अलावा डॉ परवेंदर शेरोन (निदेशक, अटारी) और कुलदीप सिंह जस्सोवाल (निदेशक, डेयरी विकास विभाग) विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित हुए है.
कृषि में नई नीतियों का किया गया उल्लेख
सुखपाल सिंह ने कृषि में नई नीतियों और इससे कृषि क्षेत्र और कृषक समुदाय को होने वाले लाभों का उल्लेख किया है. उन्होंने कहा कि नई कृषि नीति किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रही है. साथ ही उन्होंने सहकारी समितियों का योगदान बढ़ाने की वकालत की है और कहा कि इनके माध्यम से हमें बहुउद्देश्यीय सेवाए प्रदान करनी चाहिए. उन्होंने, इस बात के लिए वेटरनरी विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए क्षेत्र के लोगों और इस संस्था द्वारा किये जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की है.
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घर बैठे अच्छा पैसा कमा सकते हैं किसान
डॉ इंद्रजीत सिंह (वाइस चांसलर) ने पशुओं की बीमारियों का जिक्र किया और कहा कि किसानों को अपने पशुओं का टीकाकरण अवश्य कराना चाहिए. उन्होंने किसानों को पूर्ण ज्ञान और प्रशिक्षण के साथ ही पशुपालन पेशे में आने के लिए प्रोत्साहित किया है. डॉ प्रकाश सिंह बराड़ (निदेशक प्रसार शिक्षा) ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुछ विभाग पशुपालन से संबंधित सेवाएं प्रदान करते हैं, जबकि कुछ विभाग पशु उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाकर नए उत्पाद कैसे तैयार किए जाएं, इसका प्रशिक्षण भी देते हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के काम से घर बैठे अच्छा पैसा कमाया जा सकता है.
पशुपालकों ने वैज्ञानिक तकनीकों में दिखाई रुचि
बराड़ ने कहा कि, इन व्यवसायों की यह भी विशेषता है कि इन्हें महिलाएं भी आसानी से कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि सजावटी मछली, मछली एक्वेरियम, बोतलबंद स्वादिष्ट दूध, लस्सी, पनीर, मांस और अंडे का अचार, कोफ्ता, पैटीज़, बॉल्स और मछली कीमा से विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार किए जा सकते हैं. विभिन्न प्रकार के दूध, मांस और अंडे के विभिन्न उत्पाद विज्ञान और प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, पशुधन उत्पाद और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा तैयार किए गए थे, जबकि मत्स्य पालन महाविद्यालय द्वारा भी बड़ी संख्या में उत्पाद प्रदर्शित किए गए थे. डॉ बराड़ ने कहा कि पशुपालकों ने पशुपालन व्यवसायों को बेहतर बनाने और वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाने में अच्छी रुचि दिखाई है.
विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों ने पशुपालकों को अपना ज्ञान और जानकारी प्रदान की है. पशु पोषण विभाग ने पशुओं के उचित आहार के लिए कई नई तकनीकों जैसे बाईपास वसा, पशु चाट आदि का विकास किया है. पशुपालकों को पशु आहार तैयार करने की संतुलित मात्रा के बारे में भी जानकारी दी है. पशु प्रजनन विभाग ने पशुओं के प्रजनन जटिलताओं के बारे में जानकारी दी है और इन समस्याओं पर नियंत्रण के लिए जागरूक किया है.
फिशरीज कॉलेज ने विभिन्न प्रकार की कृषि योग्य मछलियों जैसे कार्प मछली, कैट फिश, झींगा मछली और सजावटी मछली का प्रदर्शन किया है. डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय द्वारा दूध की गुणवत्ता में वृद्धि करते हुए मीठी एवं नमकीन लस्सी, दूध, पनीर, बर्फी एवं अन्य उत्पादों की प्रदर्शनी का आयोजन किया है. पशु उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा मांस उत्पाद तैयार किया गया है. विश्वविद्यालय के वन हेल्थ सेंटर ने पालतू जानवरों के मालिकों को जानवरों से होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी दी है.
'मोबाइल फिश कार्ट' का किया गया उद्घाटन
पशु स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने वाले पशु चिकित्सा अस्पताल के विशेषज्ञों ने पशुपालकों को बताया है कि वह किसी भी प्रकार की स्कैनिंग, ऑपरेटिव, क्लिनिकल या ड्रग परीक्षण यहां से ले सकते हैं. विश्वविद्यालय के प्रकाशन 'स्वास्थ्य देखभाल और पालन अनुशंसाएं', मासिक पत्रिका 'वैज्ञानिक पशुपालन' भी किसानों के लिए आकर्षण का केंद्र थे. इस अवसर पर महत्वपूर्ण हस्तियों द्वारा पुस्तिका 'तरल दूध और दूध उत्पादों के लिए संचालन प्रक्रियाएँ' और 'बकरियों की देखभाल' पुस्तक का विमोचन किया गया है. मत्स्य पालन महाविद्यालय द्वारा एक 'मोबाइल फिश कार्ट' का भी उद्घाटन किया गया है.
लगाए गए 100 से अधिक स्टॉल
विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों, दवाइयों, मशीनरी, पंजाब सरकार के पशुपालन विभागों और विश्वविद्यालय के सहयोग से काम करने वाले संगठनों के 100 से अधिक स्टॉल लगाए गए थे. इन स्टॉलों में स्पैंको एग्री इम्प्लीमेंट्स प्रथम, वेस्पर फार्मास्यूटिकल्स द्वितीय, प्रोवेलिस इंडिया प्रा.लि. तीसरे स्थान पर प्रोग्रेसिव डेयरी सॉल्यूशंस को प्रोत्साहन पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया. विश्वविद्यालय श्रेणी में, पशुधन उत्पादन और प्रबंधन विभाग को प्रथम पुरस्कार, डेयरी विज्ञान और प्रौद्योगिकी महाविद्यालय को दूसरा पुरस्कार, पशु जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय और पशु रोग अनुसंधान केंद्र को तीसरा पुरस्कार मिला. इस अवसर पर डॉ. सुखपाल सिंह, डॉ.परवेन्दर शेरोन, कुलदीप सिंह जस्सोवाल, डॉ.केवल अरोड़ा (सेवानिवृत्त अधिकारी, पशुपालन विभाग) और इश्मीत सिंह संगीत संस्थान के छात्रों को भी सम्मानित किया गया है.
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