कई राज्यों में टमाटर के बढे दाम उपभोक्ताओं के परेशानी का कारण बना हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी में खुदरा टमाटर की कीमतें 65 प्रतिशत तक बढ़कर60-70 रूपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। अन्य महानगरों में कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।कोलकाता में टमाटर 50 रुपये प्रति किलो, चेन्नई में 40-45 रुपये और मुंबई में 35-40 रुपये पर उपलब्ध है।यह राष्ट्रीय राजधानी में मदर डेयरी द्वारा संचालित सफारी दुकानों पर 60 रुपये और ग्रॉफ़र्स के ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर 45-48 रुपये पर बेचा जा रहा है। इस बीच, केंद्र सरकार ने कहा कि टमाटर में कीमतों में वृद्धि "मौसमी घटना" के कारण हुई है। खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि "टमाटर एक खराब होने वाला आइटम है। मौसम के कारण चामचर की फसल बहपत हद तक खराब हो चुकी है जिसके चलले इसके कीमतों में आकस्मिक वृद्धि हुई है। फिलहाल हम कीमतों पर नजर रखे हुए हैं। राज्यों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है ताकि आपूर्ति और कीमतों में वृद्धि पर कड़ी निगरानी रखी जा सके।
दिल्ली में थोक व्यापारियों ने हरियाणा और अन्य उत्पादक राज्यों में बारिश की वजह से फसल को नुकसान पहुंचाने के कारण टमाटर में बढ़ती कीमतों का श्रेय दिया। व्यापारियों की माने तो "हरियाणा में गर्मी के कारण अतिरिक्त बारिश के कारण टमाटर का 70 प्रतिशत से अधिक नुकसान पहुंचा है, जो कि दिल्ली के उपज के प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में से एक है| हरियाणा के कुछ हिस्सों में टमाटर का फसल बारिश के कारण सड़ गया है। इसलिए, अच्छी गुणवत्ता वाले टमाटर की कीमत अधिक है। दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में भी टमाटर की फसल बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है जिससे कीमतों में वृद्धि हुई है। यूपी और महाराष्ट्र राज्यों से वर्तमान में दक्षिणी राज्यों में टमाटर की आपूर्ति कर रहे हैं।
सरकार के अनुमान के मुताबिक 2016-17 में टमाटर का उत्पादन 15 प्रतिशत बढ़कर 187 लाख टन पर होने का अनुमान है।
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