Stubble Burning: सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर केंद्र सहित दिल्ली और पंजाब की AAP सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने दोनों से पराली जलाने पर तुरंत कड़ी कार्रवाई करने को कहा है. इसके साथ ही कोर्ट ने किसानों को फसल जलाने का वैकल्पिक समाधान मुफ्त में उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं. पराली जलाने के मामलों पर सुनवाई के दौरान कोर्ट पंजाब सरकार के वकील के इस सुझाव से सहमत हुई कि वैकल्पिक समाधान मुफ्त में उपलब्ध कराने के लिए पंजाब और दिल्ली सरकार 25-25 प्रतिशत लागत वहन कर सकती है, जबकि केंद्र को इसमें 50 प्रतिशत लागत वहन करनी चाहिए.
कोर्ट ने केंद्र से लागत वहन करने को कहा
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पंजाब और दिल्ली में एक समान राजनीतिक व्यवस्था है. जाहिर है, 50 प्रतिशत की सीमा तक, धारणा में कोई अंतर नहीं दिखता है। कोर्ट ने कहा कि जब केंद्र इतनी सारी अन्य सब्सिडी देता है तो कोई कारण नहीं है कि यह लागत वहन न की जाए. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ये अल्पावधि के लिए आवश्यक तत्काल उपाय हैं. कोर्ट ने कहा कि वह चाहता है कि सभी हितधारक उपरोक्त पहलुओं के संबंध में तुरंत कार्रवाई करें.
ये भी पढ़ें: Stubble Burning: पंजाब में पराली जलाने के मामले दो हजार के पार, जानें किस जिले से कितने मामले आए हैं सामने
आर्थिक कारणों से पराली जला रहे किसान
बता दें कि कोर्ट ने केंद्र को ये निर्देश पंजाब राज्य के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह के रचनात्मक सुझावों पर विचार करने के बाद दिए हैं. महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने कहा था कि किसान आर्थिक कारणों से पराली जला रहे हैं. ऐसे में केंद्र को उनकी मदद करनी चाहिए. सिंह ने सुझाव दिया कि निःशुल्क वैकल्पिक समाधान उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाना चाहिए. सिंह ने सुझाव दिया कि पंजाब राज्य उन सुविधाओं को मुफ्त बनाने की लागत का 25 प्रतिशत वहन करने को तैयार है और 25 प्रतिशत दिल्ली द्वारा वहन किया जा सकता है.
डीपीसीसी को भी कोर्ट की फटकार
कोर्ट ने डीपीसीसी (दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति) के अध्यक्ष को सुनवाई की अगली तारीख के दौरान उपस्थित रहने का भी निर्देश दिया है. साथ ही यह भी कहा है कि डीपीसीसी द्वारा वास्तविक समय की निगरानी की जानी थी, लेकिन परिणाम सामने नहीं रखा गया है. सार्वजनिक डोमेन और दिल्ली में स्थापित स्मॉग टावरों में से एक काम नहीं कर रहा था. जिस पर कोर्ट ने डीपीसीसी को फटकार लगाई और तुरंत इसे ठीक करने के निर्देश दिए.
Share your comments