बिहार के कृषि विभाग ने कृषि रोड मैप, 2017-22 के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में माप-तौल की सुदृढ़ीकरण की योजना हेतु 313.29696 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। माप-तौल की सुदृढ़ीकरण की योजना का मुख्य उद्देश्य वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उपभोक्ताओं की हितो के संरक्षण को प्रभावी बनाना है।
कृषि मंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत राज्य में विभिन्न प्रतिष्ठानों द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले सभी प्रकार के माप-तौल उपकरणों का सत्यापन/मुहरांकन नियम/अधिनियम में वर्णित कालावधि के अनुसार व्यापारियों की सुविधा हेतु जिला, अनुमंडल, प्रखंड एवं पंचायत स्तर के बाजारों में शिविर के माध्यम से कराया जायेगा। माप-तौल से संबंधित सभी स्तर के पदाधिकारियों के साथ-साथ वाट-तुला के निर्माता, विक्रेता एवं मरम्मतकर्ता के कार्यों की गुणवत्ता में वृद्धि लाने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था राज्य एवं जिला स्तर पर आयोजित किया जायेगा।
डॉ० कुमार ने कहा कि माप-तौल संभाग अंतर्गत राज्य स्तर से अनुमंडल स्तर तक के कुल 66 कार्यालयों को कम्प्यूटरीकृत किया जा चुका है। इस योजना के अंतर्गत आवंटित राशि से इन कम्प्यूटरीकृत कार्यालयों में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर के मानदेय का भी भुगतान किया जायेगा। इसके साथ ही राज्य के उपभोक्ताओं की शिकायत निवारण हेतु 100 प्रखंड कार्यालयों में एक मूलभूत माप-तौल जाँच उपकरण स्थापित किया जायेगा जिससे कोई भी उपभोक्ता अपने द्वारा क्रय किये गये सामानों की मात्रा/वजन की जाँच करा पायेगा। राज्य के उपभोक्ताओं को जागरूक करने हेतु 300 प्रखंड मुख्यालयों में विज्ञापन पट्ट लगाया जायेगा, जिन पर उपभोक्ताओं से जुड़े माप-तौल संभाग से संबंधित महत्वपूर्ण सूचनाओं को प्रचारित किया जायेगा।
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