जरबेरा की खेती अच्छी आमदनी देती है। इस बीच अत्याधुनिक तरीके से पॉलीहाउस में इसकी खेती करें तो अच्छी आमदनी मिलती है। पॉलीहाउस में इसकी खेती से किसान खुशहाल होकर आज अच्छी आमदनी कमा रहे हैं।
इसकी कुछ प्रमुख किस्में जैसे बैलेंस, कैबाना, डाना-एलन,गोलिअथ, पैबियो, प्राइम रोज़, रोजालिन, संगारिया, सल्वाडोर तथा सनवे की खेती आकर्षक रंगो के लिए तथा अच्छी उपज के लिए की जा रही है।
दिल्ली स्थित संरक्षित कृषि प्रोद्दोगिकी केंद्र, जो कि इज़रायल प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहा है। वहां के अनुसार यदि किसान ऐरीज़ ड्रिप लाइन ( 16:2:30) के साथ 45 x 30 सेमी. रोपण सघनता पर एक मीटर चौड़ी क्यारियों में 6-9 पौधों को रोपा जाए। एकल जरबेरा पौधों में 45-60 फूल/वर्ष और लगभग 400-450 फूल/वर्ग मीटर प्रति वर्ष उत्पन्न हुए। एक बार रोपाई की गई फसल 5-7 वर्ष तक चली।
संस्थान के अनुसार 1000 वर्ग मीटर की एक जरबेरा पॉलीहाउस या ग्रीनहाउस संरचना से किसान भाई 1 : 3.5 के लागत : लाभ के अनुपात के साथ लगभग 25,000 से 30,000 रुपए प्रति माह का लाभ अर्जित कर सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए संरक्षित कृषि प्रोद्दोगिकी केंद्र, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा नई दिल्ली फोन नं. 011-25841063 पर कॉल कर सकते हैं।
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