किसी भी काम को अगर लगन और मेहनत के साथ किया जाए, तो उसमें भारी मुनाफा हो सकता है. आखिर कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता, काम करने का तरीका बड़ा या छोटा होता है. अच्छी सोच और उत्तम योजना के साथ शुरू किया गया काम मुनाफा जरूर देता है. इस बात को नवलबेन की कहानी से समझा जा सकता है.
लॉकडाउन में भी होता रहा फायदा
दरअसल नवलबेन गुजरात के बनासकांठा जिले में रहती है और दूध बेचने का काम करती है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि अभी 2020 में जब हजारों-लाखों लोग बेरोजगार हो रहे थे, तो नवलबेन मुनाफा कमा रही थी. उस समय न सिर्फ वो खुद आत्मनिर्भर थी बल्कि बाकि कई लोगों को भी रोजगार दे रही थी.
दूध बेचकर करोड़ों की कमाई
अभी हाल ही में 62 वर्षीय नवलबेन ने दूध उत्पादन रिकॉर्ड बनाकर सभी को हैरान कर दिया है. 2020 की कमाई के अनुसार उन्होंने 1 करोड़ 10 लाख रुपए मात्र दूध बेचकर कमाएं हैं. डेयरी जगत में उनकी ये कमाई अपने आप में एक नया कीर्तिमान है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक 2011 के समय उन्होंने 10 गायों के सहारे इस काम को शुरू किया था. आज उनके पास 80 भैंस और 45 से अधिक गाय हैं. इन मवेशियों से वो हर रोज 1000 लीटर दूध प्राप्त कर लेती हैं.
इतना ही नहीं नवलबेन के डेयरी से आज 25 लोगों का घर प्रत्यक्ष तौर पर चल रहा है, जबकि कई लोगों की कमाई अप्रत्यक्ष तौर पर हो रही है. हर महीने नवलबेन 3 लाख तक का मुनाफा आराम से कमा लेती हैं.
राज्य और केंद्र सरकार ने किया सम्मानित
आत्मनिर्भर भारत के सपने को सच करते हुए नवलबेन ने समाज की भलाई के लिए भी कई काम किए हैं. वो अक्सर सामाजिक कार्यों के लिए दूध दान करती हैं. उनकी मेहनत, लगन और कामयाबी को देखते हुए गुजरात सरकार ने उन्हें 2 बार लक्ष्मी पुरस्कार और 3 बार पादरी पुरस्कार से सम्मानित किया है.
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