मध्यप्रदेश के रीवा जिले में अब व्यावसायिक खेती करने का चलन तेज़ी से बढ़ रहा है. अब इसके लिए जरूरी बिजली की आपूर्ति में दिक्क्त नहीं होगी. खेती के लिए उपयोग किये जाने वाले आम ट्रांसफार्मरों से बिजली की पर्याप्त मात्रा में सप्लाई नही हो पा रही है. ऐसे में सरकार के तरफ से किसान कृषि सिंचाई अनुदान योजना के तहत किसानों को बिशेष रूप से ट्रांसफर्मर उपलब्ध कराये जा रहे हैं. इस योजना का लाभ किसान अब बखूबी उठा रहे हैं
आपको बता दें की पहले बिजली कंपनी के अधिकारी इस योजना में किसानों के दिलचस्पी को लेकर सशंकित थे, लेकिन किसानों ने अपेक्षा से ज्यादा उत्साह दिखाया. रीवा जिले के 1500 से अधिक किसानों ने इस योजना के तहत व्यक्तिगतरूप से ट्रांसफार्मर लगाने के लिए आवेदन किया है. अभी तक 900 किसानों को इसकी मंजूरी मिल चुकी है. जिन किसानों को इसकी मंजूरी मिल चुकी है उनके यहां ट्रांसफार्मर लगाने का काम चालू हो चुका है. ट्रंसफार्मर लगाने का काम एके इंफ्रा को दिया गया है.
इनमे से ज्यादातर प्रोडक्ट रीवा ब्लाक के 242 किसानों ने सिंचाई के लिए ट्रांसफार्मर लगवाने के आवेदन फार्म भरा है. इनके से 230 किसानों के यहां ट्रांसफार्मर लग भी चुके है. इसी प्रकार रायपुर कर्चुलियान, सिरमौर, बैकुंठपुर, गुढ़ के किसानों ने भी उत्साह दिखाया है. ड्रिप इरिगेशन से किसानों को किसानी करने के लिए सामान्य ट्रांसफार्मरों से पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिल पाती थी. जिससे फसलों की सिंचाई करने में दिक्कत आ रही थी. इसी कारण से किसानो में व्यक्तिगत रूप से ट्रांसफार्मर लगवाए.
किसानों के नोडल अधिकारी ओपी द्विवेदी का कहना है कि कृषि पंप सिंचाई योजना में किसानों को 50 हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं. पूरे प्रोजेक्ट में 2.50 लाख रुपए की लागत आती है. दो लाख रुपए अनुदान मिलता है. इसके लिए दो हेक्टेयर जमीन होना आवश्यक है. 25 के.वी के ट्रांसफार्मर, पोल एवं केबिल की व्यवस्था कराई जाती है.
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