फसलों को उगाने से भी अधिक मुश्किल का काम उन्हें सुरक्षित रखने का है. शायद यही कारण है कि फसलों की सुरक्षा को लेकर किसान न तो चैन से खाता है और न चैन से सोता है.
दिन-रात उसे इसी बात की चिंता लगी रहती है कि खेत में की गई उसकी मेहनत खराब न हो जाए.वैसे तो खेतों में लगे फसलों को कई चिजों से बचाने की जरूरत पड़ती है, जैसे- खराब मौसम, कीट-पतंगें एवं रोग आदि.
लेकिन सबसे बड़ी समस्या हैं जंगली जानवर. नीलगाय, जंगली सूअर, बकरी आदि जानवर अगर एक बार खेत में घुस गए, तो किस हद तक नुकसान कर सकते हैं, इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता. चलिए, आज हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके माध्यम से जंगली जानवरों से आप अपनी फसलों को बचा पाएंगें.
तैयार करें हर्बल घोल (Prepare herbal solution)
जानवरों को भगाने में हर्बल घोल किसी रामबाण की तरह है. विशेषकर नीलगाय को दूर भगाने में ये असरदार है. हर्बल घोल को बनाने के कई तरीके हैं. यहां हम आपको सबसे आसाम तरीका बताने जा रहे हैं. गोबर के साथ पोल्ट्री के कचरे को मिलाते हुए उनका एक मिश्रम तैयार कर लीजिए.
अब इसे गोमूत्र एवं सड़ी सब्जियों की पत्तियों में मिलाकर एक घोल तैयरा कर लें. इसका छिड़काव फसलों के आस-पास करें. इसके गंध से नीलगाय एवं अन्य जानवर दूर भागते हैं. एक बार के छिड़काव का प्रभाव 20 से 25 दिनो तक रहता है.
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खेत के बॉर्डर पर इन पौधों को उगाएं (Grow these plants on the border of the field)
खेतों की घेराबंदी करना तो फायदेमंद है ही, लेकिन अगर किसी कारण से आप कंटीली तारों, बांस की फंटियां आदि को खरीद पाने में असमर्थ हैं, तो मेड़ों के किनारे कुछ पौधें, जैसे - तुलसी, खस, जिरेनियम, मेंथा, एलेमन ग्रास, सिट्रोनेला आदि को लगा सकते हैं. इन पौधों के प्रभाव से जानवर खेतों में नहीं आते हैं.
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