अगर आप नौकरी पेशे वाले या कर्मचारी हैं, तो आपके लिए एक बहुत बड़ी खबर है. आपके पास यदि अपना ईपीएफओ या पीएफ का खाता (EPFO or PF Account) है, तो आपको थोड़ा झटका लगने वाला है. जी हां, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब पीएफ खाते पर भी टैक्स (Tax on PF Account) लगना शुरू होने वाला है.
क्या होगा पीएफ खाते का नया नियम (What will be the new rule of PF account)
किसी भी नौकरीपेशा वालों की सैलरी (Salary of Employers) का कुछ हिस्सा पीएफ खाते (PF Account) में जमा हो जाता है. लेकिन अब पीएफ के नियमों में कुछ नए बदलाव (New Changes in PF Rules) होने जा रहे हैं. बता दें कि 1 अप्रैल 2022 से मौजूदा पीएफ खातों को दो भागों में बांटा (PF accounts will be divided into two parts) जा सकता है.
क्या हो सकते हैं बदलाव (What can change)
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गौरतलब है कि पिछले साल सरकार ने आयकर के नए नियम अधिसूचित किए थे. अब इसके तहत पीएफ खातों को दो भागों में बांटा जाएगा.
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इसमें केंद्र को सालाना 5 लाख रुपये से अधिक के योगदान के मामले में कर्मचारी के पीएफ आय पर टैक्स (Tax on employee's PF income) लगाया जाएगा.
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दरअसल, नए नियमों का मकसद उच्च आय वाले लोगों को सरकारी कल्याण योजना का लाभ (Government Welfare Scheme Benefits) लेने से रोकना है.
नए पीएफ नियमों के तथ्य (Facts of new PF rules)
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मौजूदा पीएफ खातों को कर योग्य और गैर-कर योग्य (Taxable and non-taxable PF accounts) योगदान खातों में विभाजित किया जाएगा.
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गैर-कर योग्य खातों में उनका समापन खाता भी शामिल होगा क्योंकि इसकी तारीख 31 मार्च, 2021 है.
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नए पीएफ नियम (New PF Rules) अगले वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2022 से लागू हो सकते हैं.
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कर्मचारियों के 5 लाख रुपये प्रति वर्ष से ऊपर के योगदान से पीएफ आय पर नया कर लगाने के लिए आईटी नियमों के तहत एक नया खंड 9डी डाला गया है.
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कर योग्य ब्याज की गणना के लिए मौजूदा पीएफ खाते में दो अलग-अलग खाते भी बनाए जाएंगे.
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इसमें छोटे और मध्यम वर्ग के करदाता (Small and Middle Class Taxpayers) नए नियम से प्रभावित नहीं होंगे.
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यह मुख्य रूप से उच्च आय वाले कर्मचारियों को प्रभावित करेगा. यानि अगर आपकी सैलरी कम या औसत है तो आपको इस नए नियम से कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
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