अब उत्तर प्रदेश में कीनिया के शकरकंद की खेती से होगी विटामिन ए की पूर्ति। अब तक देश में लाल और सफ़ेद शकरकंद की खेती होती थी लेकिन इस शकरकंद से केवल नाम मात्र की चीनी व कुछ दवाइयों के उपयोग में आती थी लेकिन अब कीनिया के शकरकंद से चीनी, विटामिन ए सहित कई अन्य महत्वपूर्ण उत्पाद बनाने की तैयारी की जा रही है। जिसके लिए कीनिया की टीम प्रदेश में आई हुई है इसी सम्बन्ध में आज कृषि मंत्री ने गोरखपुर के सर्किट हॉउस में मण्डल के कृषि अधिकारियों व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की।
अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मीडिया से बातचीत करते हुए बाताया कि कीनिया से एक डैलिगेशन आया था, जिनके साथ टाटा ट्रस्ट के लोग काम कर रहे हैं। ये डेलिगेशन यहां क्यों आया इसके बारे में उन्होंने बताया कि ये लोग यहां सुनहरी शकरकंदी को पापुलर करने कि द्रष्टि से यहां आये थे। उनका मानना है कि सुनहरी शकरकंदी में विटामिन A प्रचुरता में पाई जाती है। जिसके प्रयोग से बच्चों को कुपोषण के शिकार से दूर किया जा सकता है। इसके लिए ये लोग कृषि विभाग से मदद चाहते हैं।
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