इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने केंद्र द्वारा गन्ना किसानों को सब्सिडी दिए जाने के फैसले का स्वागत किया है। इस बीच मौजूदा सत्र के लिए प्रति टन के हिसाब से 55 रुपए प्रति टन की दर से 1550-1600 करोड़ रुपए दिए जाएंगें। यह सब्सिडी गन्ना के एफआरपी में 11 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के दौरान किसानों को दिए जाने वाले भुगतान में कुछ हिस्सा बनकर चीनी उद्दोग की मुश्किलें कम कर सकती है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के डॉयरेक्टर जनरल, अबिनाश वर्मा ने सरकार के इस निर्णय की सराहना की है। वर्मा के मुताबिक यह सब्सिडी मौजूदा सत्र में हो रहे नुकसान की भरपाई कर पाने के लिए काफी नहीं होगी लेकिन फिर भी यह फैसला कुछ हद तक उद्दोग को राहत जरूर पहुंचाएगा। यह सब्सिडी सरकार की तरफ से उठाया गया एक सकारात्मक कदम है। किसान एवं उद्दोग की परेशानियों को खत्म करने के फलस्वरूप सरकार द्वारा लिया गया पहला कदम है जो कि वर्तामान परिस्थितियों में चीनी उद्दोग एवं किसानों को फायदा देने के मद्देनज़र उठाया गया है। सरकार को किसानों एवं उद्दोग को मौजूदा कठिन परिस्थितियों से उबारने के लिए और कदम उठाने होंगे।
गौरतलब है कि गन्ना मूल्य में वृद्धि से एवं बंपर उत्पादन के चलते चीनी का भाव घरेलू बाजार में गिरने के फलस्वरूप चीनी मिलों को घाटा हो रहा है। इस बीच गन्ना बकाया काफी बढ़ गया है और किसानों को भुगतान कर पाने में मिलों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
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