- पहली बार “हमर गौरव सम्मान” से सम्मानित होंगे डॉ. राजाराम त्रिपाठी: बस्तर की मिट्टी से जड़ी-बूटी क्रांति तक की प्रेरक गाथा.
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बैंक अधिकारी से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जैविक किसान बनने की अनोखी जीवन यात्रा.
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कोंडागांव की धरती से शुरू हुई औषधीय खेती की अलख, पहुंची विश्व मंचों तक.
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9 नवम्बर को कांकेर में पूर्ववर्ती बस्तर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक परिवार करेगा सम्मानित.
छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल की मिट्टी में सफलता की नई इबारत लिखने वाले प्रसिद्ध जैविक किसान डॉ. राजाराम त्रिपाठी को तत्कालीन बस्तर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक रिटायरीज एसोसिएशन द्वारा सम्मानित किया जाएगा. यह सम्मान उन्हें 9 नवंबर को कांकेर में आयोजित पूर्ववर्ती बस्तर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारी के समारोह में प्रदान किया जाएगा.
डॉ. त्रिपाठी ने अपने करियर की शुरुआत तत्कालीन बस्तर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (भारतीय स्टेट बैंक द्वारा प्रायोजित) में प्रबंधक (मैनेजर) के रूप में की थी. बैंक सेवा के दौरान ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों की समस्याओं को नज़दीक से समझने के बाद उन्होंने बैंक की नौकरी छोड़कर कृषि और औषधीय पौधों की खेती में कदम रखा. यही निर्णय आगे चलकर न केवल उनके जीवन का बल्कि पूरे देश के किसानों का मार्गदर्शन बन गया.
बस्तर से विश्व मंच तक की यात्रा:-
बस्तर के कोंडागांव जिले के अपने फार्म पर डॉ. त्रिपाठी ने अनेक दुर्लभ तथा विलुप्तप्राय औषधीय और मसालेदार पौधों की जैविक खेती प्रारंभ की, जिनमें मुख्य रूप से- काली मिर्च (Black Pepper), सफेद मूसली (Safed Musli), सिंदूर अथवा एनाटो (Annatto), अश्वगंधा, शतावरी, और तुलसी जैसी जड़ी-बूटियां शामिल हैं.
आज उनके प्रयासों से बस्तर की धरती पर सैकड़ों किसान औषधीय खेती की ओर प्रेरित हुए हैं. डॉ. त्रिपाठी न केवल खेती करते हैं, बल्कि किसानों को प्रशिक्षण, बीज उपलब्धता और बाजार तक पहुँच की सुविधा भी प्रदान करते हैं.
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान:-
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डॉ. राजाराम त्रिपाठी के नवाचारों और समर्पण ने उन्हें भारत के शीर्ष जैविक किसानों की श्रेणी में ला खड़ा किया है.
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उन्हें राष्ट्रीय कृषि पुरस्कार, कृषि रत्न, और ग्लोबल ऑर्गेनिक फार्मिंग अवार्ड जैसे अनेक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हो चुके हैं.
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वे कई बार विश्व के प्रमुख देशों सहित,संयुक्त राष्ट्र (UNO), FAO (Food and Agriculture Organization) तथा ICAR जैसी संस्थाओं के मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
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डॉ. त्रिपाठी ने 'सेंट्रल हर्बल एग्रो मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया' (CHAMF) तथा अखिल भारतीय किसान महासंघ आईफा (AIFA)की स्थापना कर देश भर के किसानों को संगठित किया है.
सम्मान समारोह की झलक:
रिटायरीज एसोसिएशन द्वारा आयोजित यह सम्मेलन पूर्ववर्ती बस्तर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों का पुनर्मिलन भी है. कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक के वरिष्ठ पदाधिकारी, सेवानिवृत्त अधिकारीगण तथा क्षेत्र के अनेक किसान उपस्थित रहेंगे. ज्ञातव्य होगी की बस्तर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अमलगमेंशन के बाद छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक बन गया है.
इस अवसर पर डॉ. राजाराम त्रिपाठी को "हमर गौरव सम्मान” से अलंकृत किया जाएगा.
समाज और बैंकिंग जगत के लिए प्रेरणा:
डॉ. त्रिपाठी का जीवन उन सभी के लिए प्रेरणास्रोत है जिन्होंने अपने करियर के पारंपरिक मार्ग से हटकर कुछ नया करने का साहस दिखाया. बैंक अधिकारी से एक सफल अंतरराष्ट्रीय स्तर के किसान बनने तक का उनका सफर इस बात का प्रमाण है कि समर्पण, प्रयोग और सकारात्मक सोच से कोई भी व्यक्ति अपने क्षेत्र में क्रांति ला सकता है.
द्वारा: छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक रिटायरीज एसोसिएशन, कांकेर
समय: 11 बजे सबेरे, तिथि: 9 नवम्बर 2025,
कार्यक्रम स्थल: होटल आनंदन कांकेर, छत्तीसगढ़
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