सस्टेनेबल एग्रो-कमर्शीयल फाईनेंस लि. (सफल)पहली नॉन-बैंकिंग फाईनेंशियल कंपनी है, जो खेतीबाड़ी से जुड़े ऋण पर केंद्रित है। इस कंपनी ने मध्यप्रदेश में किसानों को वित्तीय सेवाएं उपलब्ध करवाकर सतत विकास सुनिष्चित करने के लिए राज्य में प्रवेश की घोषणा की है। यह घोषणा इंदौर में सफल के मैनेजिंग डायरेक्टर तथा सीईओ, श्री अरविंद सोनमले के द्वारा की गई।
सफल ने महाराष्ट्र और कर्नाटक में खेतीबाड़ी से जुड़े कामों के लिए 370 करोड़ रु. के ऋण प्रदान करके एनबीएफसी के रूप में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। ऋण के जरूरतमंद तथा उपेक्षित किसानों को सेवाएं प्रदान करने के लिए सफल का रिकॉर्ड बहुत ही अच्छा है। सफल ने महाराष्ट्र में विदर्भ और मराठवाड़ा जैसे इलाकों में खेत में कृषि का इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए वेंडर्स को सीधे पैसे पहुंचाकर सतत विकास के मोड्यूल द्वारा किसानों की जिंदगी बदल दी है। अब यह कृषि की गतिविधियों के विकास तथा राज्य के ज्यादा से ज्यादा किसानों को वित्तीय मदद देने के लिए मध्यप्रदेष में प्रवेश कर रहा है।
सफल की वित्तीय सहायता में किसानों के सतत विकास के लिए फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए भरोसेमंद बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सोलर पंपों की स्थापना, फसलों की पैदावार बढ़ाने तथा पानी की बचत करने के लिए ड्रिप इरीगेशन और स्प्रिंकलर इरीगेशन, खेतों को हरा-भरा बनाने के लिए पानी के परिवहन के लिए लिफ्ट इरीगेशन योजनाएं, कृषि परियोजनाएं, छोटे बिज़नेस के लिए ऋण, खेती के उपकरणों के लिए ऋण, भूमि विकास, हॉर्टिकल्चर प्लांटेशन, पाली हाउसेस, शेड नेट, डेयरी तथा खेती में किसी भी तरह के पूंजी के निवेश के लिए दी जाने वाली वित्तीय मदद शामिल है।
इस अवसर पर अरविंद सोनमले, एमडी एवं सीईओ, सस्टेनेबल एग्रो-कमशियल फाईनेंस लि. ने कहा, ‘‘भारतीय किसान कई सालों से कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए समय पर पर्याप्त और किफायती पूंजी प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। हम सतत विकास का स्थायी समाधान प्रदान करने तथा अपने किसानों एवं देश का लाभ बढ़ाने के लिए समर्पित हैं। ये सभी सुविधाएं तथा सेवाएं मध्यप्रदेष के किसानों को प्रदान की जाएंगी ताकि वो प्रगति एवं उच्च जीवनशैली के मार्ग पर आगे बढ़ सकें।’’
सोनमले ने आगे कहा, ‘‘भारत के अन्य राज्यों की तरह ही, मध्यप्रदेश भी खेती के लिए बारिश पर निर्भर है, जो अनिश्चितताओं से भरी है। इसलिए पानी का संरक्षण एवं पूर्ण प्रयोग बहुत ज्यादा जरूरी है। ड्रिप इरीगेशन सिस्टम के अलावा उत्पादकता बढ़ाने के लिए अन्य इनोवेशन, जैसे ज्यादा पैदावार देने वाले बीज/पौधे, फार्म मैकेनाईजेशन, ऑटोमेशन सिस्टम आदि अपनाए जाने की जरूरत है।’’ सफल उन किसानों की विधवाओं के लिए विशेष लेंडिंग प्रोग्राम भी चला रहा है, जिन्होंने आत्महत्या कर ली और जो परिवार एवं समाज में उपेक्षित हैं। इन विधवाओं को लघु तथा अतिलघु बिज़नेस जैसे ग्रोसरी शॉप, बैंगल शॉप, फ्लोर मिल, कॉस्मेटिक्स आदि के लिए ब्याजमुक्त ऋण दिया जाता है। यह सफल की एक अद्वितीय योजना है, जिसमें 5,000 रु. तक कोई भी ब्याज नहीं लगता है; 5,000 रु. से 15,000 रु. तक 5 प्रतिषत प्रतिवर्ष का ब्याज लगता है; 15,000 रु. से 25,000 रु. तक 6 प्रतिशत ब्याज लगता है तथा फिर 50,000 रु. तक 7 प्रतिषत ब्याज लगता है। इसके लिए किसी भी सिक्योरिटी या मार्जिन राशि की जरूरत नहीं होती है तथा इसका रिपेमेंट प्लान भी बहुत आसान एवं 3 सालों का है। इस योजना से पिछले 9 महीनों में इस तरह की 100 विधवाएं लाभान्वित हो चुकी हैं।
सफल न केवल किसानों को आवष्यक वित्तीय मदद प्रदान करता है, बल्कि यह उन्हें अपनी आजीविका सतत बनाने के लिए प्रेरित भी करता है।
सफल के बारे में:
सस्टेनेबल एग्रो-कमर्शियल फाईनेंस लि. (सफल) भारत में पहली फोकस्ड रिटेल एग्रीकल्चर फोकस्ड एनबीएफसी है, जो ड्रिप इरीगेशन के क्षेत्र में एशिया की सबसे बड़ी कंपनी, जैन इरीगेशन सिस्टम लिमिटेड के द्वारा प्रमोट की जाती है। आईएफसी, वाशिंगटन कंपनी में पहली एवं एंकर निवेशक है। सफल के पास 70 ऑफिसों का नेटवर्क है, जो महाराष्ट्र और कर्नाटक में फैले हैं।
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