छात्रों की किसी रुकावट या आर्थिक परेशानी (Financial Issue) की वजह से पढ़ाई पर असर ना पड़े, इसके लिए सरकार लगातार कार्य करती रहती है. इसी कड़ी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM) ने मेधावी छात्रों के लिए एक योजना शुरू की है.
बता दें कि नीतीश सरकार की ओर से स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना उच्च शिक्षा हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए शुरू की गई है. यह योजना संजीवनी की तरह काम कर रही है. बड़ी तादाद में आर्थिक रूप से असमर्थ मेधावी छात्रों को इस योजना का लाभ मिल रहा है.
उच्च शिक्षा का सपना होगा साकार
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम (Student Credit Card Scheme) के जरिये छात्र उच्च शिक्षा के अपने सपनों को साकार कर रहा है. बिहार एक ऐसा राज्य रह चुका है, जहाँ की आर्थिक स्थिति अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत अच्छी नहीं है. लेकिन बिहार में अगर शिक्षा और उसके महत्वों की बात करें, तो कई राज्यों से ऊपर है. हर युवाओं के मन में कुछ करने की चाहत होती है. कई उसको पाने में सफल होते हैं तो कुछ आर्थिक परेशानियों के चपेट में आ जाते हैं.
बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बताया कि अब तक इस योजना के तहत 2041 करोड़ रुपये का शिक्षा ऋण (Education Loan) छात्र-छात्राओं के बीच वितरित किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि 15 जुलाई 2018 से 17 दिसंबर 2021 तक 1,71,475 आवेदन आए. इनमें से 1,36,217 छात्र-छात्राओं के आवेदन को स्वीकार किया जा चुक है. इसके लिए कुल 3628 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि स्वीकृत की गई, जिनमें से 2041 करोड़ रुपये का लोन बांटा जा चुका है.
उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत दिए एजुकेशन लोन का पूरा ब्योरा भी दिया है. उन्होंने बताया कि स्वीकृत शिक्षा ऋण में से 2041 करोड़ 36 लाख रुपए की राशि वितरित भी की जा चुकी है. योजना से लाभान्वित होने वालों में 95,982 छात्र और 40,235 छात्राएं शामिल हैं. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक अन्य पिछड़ा वर्ग के 58,008, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 22,974, अनुसूचित जाति के 13,204, अनुसूचित जनजाति वर्ग के 1808 एवं सामान्य वर्ग के 40,223 आवेदनों को स्वीकार करते हुए उन्हें एजुकेशन लोन दिया जा चुका है.
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एजुकेशन लोन को लेकर है खास प्रावधान (There is a special provision regarding education loan)
बिहार सरकार की ओर से चलाई जा रही स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत एजुकेशन लोन देने की सीमा भी निर्धारित कर दी गयी है. आपको बता दें कि इस योजना के तहत 4 लाख रुपए तक का शिक्षा ऋण देने का प्रावधान है. उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि एनडीए सरकार राशि के अभाव में बिहार के मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा से वंचित नहीं होने देगी. सुशासन के कार्यक्रम 2015-20 के तहत विकसित बिहार के सात निश्चय के तहत बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना 2 अक्टूबर 2016 से शुरू की गई है. निगम का गठन होने से बैंकों की तुलना में 4 गुणा अधिक शिक्षा ऋण के लिए प्राप्त आवेदनों की स्वीकृति मिली है.
बिहार सरकार की अगर बात करें तो कई अन्य और काफी अलग योजनाओं के तहत राज्य के सुधार में नज़र आते दिख रहे हैं. आपको बता दें बिहार में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए सरकार ने अपना बिज़नेस सटार्ट करने के लिए 10-10 लाख रुपए भी दे रही है. जिसमे आपको 5 लाख सरकार को लौटना होगा. बिहार सरकार की इस योजना की मदद से आज कई लोग खुद का बिज़नेस सटार्ट करने में सफल हो पाएं है. इससे ना सिर्फ बेरोज़गारी दर में कमी आएगी बल्कि राज्य का वित्तय स्तर भी ऊपर उठेगा.
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