
Mushroom Farming: बिहार सरकार ने राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है. वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए मशरूम अवयवी योजना (मशरूम किट एवं मशरूम हट) के नाम से शुरू की गई इस परियोजना का मुख्य लक्ष्य प्रदेश के कृषकों को मशरूम उत्पादन एवं निर्माणाधीन अवसंरचना हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करना है.
योजना के मुख्य उद्देश्य
यह नवाचार योजना विशेष रूप से राज्य भर में मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में लघु एवं सीमांत किसानों, महिला स्वयं सहायता समूहों तथा युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन, प्रसंस्करण एवं विपणन में सहायता प्रदान करने के लिए तैयार की गई है.
इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य किसानों को मशरूम किट उपलब्ध कराकर तथा मशरूम हट में मशरूम के उत्पादन द्वारा मशरूम की खेती को बढ़ावा देते हुए उनकी आय में वृद्धि करना है. योजना के क्रियान्वयन से ग्रामीण बेरोजगार पुरुष एवं महिलाओं के बीच स्वरोजगार उत्पन्न होगा एवं बाजार में पूर्व से उपलब्ध उत्पादियों के मांग के अनुरूप मशरूम का उत्पादन होगा एवं तदनुरूप इससे बाजार में उपलब्ध कराया जा सकेगा.
अनुदान एवं वित्तीय प्रावधान
वर्ष 2025-26 में मशरूम अवयवी (मशरूम किट एवं मशरूम हट) योजना के तहत कुल ₹1396.75 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है. इसमें निम्नलिखित प्रमुख घटक शामिल हैं
मशरूम किट योजना
पेड़ी/ऑयस्टर मशरूम किट: प्रति किट लागत ₹75 निर्धारित की गई है, जिसमें 90 प्रतिशत अनुदान यानी ₹67.50 रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा. इसमें न्यूनतम 25 किट एवं अधिकतम 100 किट प्रति कृषक को लाभ दिया जाएगा.
बटन मशरूम किट: प्रति किट लागत ₹90 रखी गई है, जिसमें 90 प्रतिशत अनुदान यानी ₹81.00 रुपये का अनुदान दिया जाएगा. इसमें न्यूनतम 25 किट एवं अधिकतम 100 किट प्रति कृषक को लाभ दिया जाएगा.
बाल्टी में मशरूम: प्रति यूनिट लागत ₹300 निर्धारित है, जिसमें 90 प्रतिशत अनुदान ₹270 प्रति किट का प्रावधान है. इसमें न्यूनतम 02 किट एवं अधिकतम 10 किट प्रति कृषक को लाभ दिया जाएगा.
मशरूम हट निर्माण
प्रति यूनिट लागत ₹1.795 लाख निर्धारित की गई है, जिसमें 50 प्रतिशत अनुदान यानी ₹89,750.00 का प्रावधान है. इसमें अधिकतम 01 हट प्रति कृषक को लाभ दिया जाएगा.
प्रशिक्षण कार्यक्रम
इस घटक अंतर्गत किसानों को मशरूम उत्पादन हेतु व्यापक प्रशिक्षण दिया जाएगा. योजना का लाभ लेने हेतु इच्छुक किसानों की जिलावार प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु योजनान्तर्गत आवेदन हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा.
तकनीकी सहायता और कार्यान्वयन
प्राकृतिक परिस्थितियों में वर्षभर मशरूम उत्पादन हेतु झोपड़ी निर्माण के लिए 1500 वर्गफीट क्षेत्रफल पर आधारित तकनीकी स्वीकृति प्राप्त मॉडल शामिल है. झोपड़ी निर्माण, भूसे की उपलब्धता, स्पॉन, पॉलिथीन बैग, उपकरण, मिट्टी आदि पर भी सहायता का प्रावधान है.
जिलेवार कार्यान्वयन लक्ष्य
राज्य के सभी 38 जिलों को इस योजना का लक्ष्य आवंटित किया गया है.
प्रशिक्षण एवं प्रचार-प्रसार
सरकार द्वारा इस योजना के प्रचार-प्रसार हेतु जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे. प्रशिक्षित कृषकों के माध्यम से तकनीकी जानकारी को आम किसानों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी. यह योजना विशेष रूप से महिलाओं और बेरोजगार युवाओं को उद्यमिता की दिशा में सक्षम बनाएगी.
मशरूम अवयवी योजना किसानों की आय वृद्धि, नवाचार को बढ़ावा, स्थानीय स्व-सहायता एवं पोषण सुरक्षा के क्षेत्र में बिहार सरकार की एक प्रभावी पहल है. किसानगढ़ योजनाओं का उद्देश्य राज्य के कृषकों को आधुनिक कृषि पद्धतियों से जोड़ना और उन्हें सशक्त बनाना है. सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक किसान इस योजना से लाभान्वित होकर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हों.
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