Cardamom Auction: मसाला बोर्ड (Spices Board) ने बिना लाइसेंस प्राप्त किए इलायची की नीलामी करने वाली कंपनियों को सख्त चेतावनी दी है. बोर्ड ने इसे अवैध और नियमों का उल्लंघन बताया है. बोर्ड का कहना है कि अगर कोई कंपनी अवैध नीलामी करती हुए पाई जाती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मसाला बोर्ड के निदेशक (विपणन) ने एक बयान में कहा कि इलायची की नीलामी बोर्ड द्वारा स्थापित इडुक्की के पुट्टाडी और तमिलनाडु के बोडिनायकनूर में ई-नीलामी केंद्रों के साथ-साथ अन्य राज्यों में मैन्युअल नीलामी के माध्यम से की जा रही है. बोर्ड ने नीलामीकर्ताओं को इलायची की नीलामी करने के लिए लाइसेंस जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि बिना लाइसेंस के निमाली नियमों का उल्लंघन है. ऐसा करने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बोर्ड ने इलायची उद्योग के हितधारकों से कहा है कि कोई भी व्यक्ति इलायची (लाइसेंसिंग और विपणन) नियम 1987 के प्रावधानों और मसाला बोर्ड अधिनियम 1986 के संशोधनों के तहत जारी लाइसेंस के बिना नीलामीकर्ता या इलायची के डीलर के रूप में व्यवसाय नहीं करेगा. बता दें कि इलायची उद्योग के विकास के लिए बोर्ड द्वारा समय-समय पर ऐसे निर्देश जारी करता रहता है.
बोर्ड को मिली थी शिकायत
दरअसल, स्पाइसेस बोर्ड को शिकायत मिली थी की तमिलनाडु के बोडिनायकनूर, कोम्बाई, कुमिली और इडुक्की में वंदनमेडु के पास कुछ कंपनियां समानांतर नीलामी कर रही हैं. जिससे अधिकृत नीलामी केंद्रों में हितधारकों की भागीदारी प्रभावित हो रशही है. इसी शिकायत के बाद बोर्ड ने ये निर्देश जारी किए हैं. एक लाइसेंस प्राप्त नीलामीकर्ता के साथ काम करने वाले एक अधिकारी ने कहा, "इस तरह की अवैध नीलामी ने किसानों और डीलरों को प्रभावित किया है. इससे कमोडिटी की कीमत वसूली पर भी असर पड़ा है."
केंद्र सरकार ने दिया आश्वासन
बता दें कि इन कपनियों ने लगभग दो साल पहले समानांतर नीलामी शुरू की थी, जिसके बाद कुछ किसानों को कानूनी उपाय के लिए मसाला बोर्ड के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. अधिकारी ने कहा कि किसानों की शिकायत के बाद केंद्र सरकार ने भी आश्वासन दिया है कि समानांतर नीलामी को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
मांग बढ़ने से कीमतों में इजाफा
इस बीच, निर्यात और घरेलू मांग बढ़ने के कारण इलायची की कीमतें बढ़कर 1,750 रुपये् प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं. अधिकारी ने कहा, अगले साल अप्रैल में आने वाले रमजान ने खाड़ी देशों में कई खरीदारों को अधिक इलायची खरीदने की सुविधा प्रदान की है, जिससे इस क्षेत्र को बढ़ावा मिला है.
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