कृषि क्षेत्र और किसानों को बढ़ावा देने के लिए अब कई फाउंडेशन ने भी अपने हाथ आगे बढ़ाएं हैं. खेती में सिंचाई (Irrigation in Agriculture) काफी महत्वपूर्ण है और कई किसान पानी की कमी की वजह से खेतों को ढंग से नहीं सींच पाते हैं नतीजन उनकी फसलें ख़राब हो जाती हैं. ऐसे में महाराष्ट्र पानी फाउंडेशन (Maharashtra Paani Foundation) ने एक अहम कदम उठाया है.
सोयाबीन खेती को ही क्यों चुना गया (Why was soybean farming chosen)
सोयाबीन (Soyabean Crop) महाराष्ट्र की प्रमुख फसल है और समय के साथ सोयाबीन क्षेत्र का रकबा बढ़ा है. लेकिन आज भी सोयाबीन उत्पादन (Soyabean Production) की उपज केवल 5 से 6 क्विंटल प्रति एकड़ है. पर अब आप सोच रहें होंगे सबसे बड़े क्षेत्र में उगाई जाने वाली फसल की यह स्थिति क्यों है?
क्योंकि किसानों को उत्पादन बढ़ाने पर उचित मार्गदर्शन नहीं मिल रहा है. इसी के चलते अभिनेता आमिर खान (Actor Aamir Khan Paani Foundation) की टीम ने महाराष्ट्र में किसानों के लिए सोयाबीन स्कूल (Soyabean School) खोला गया है.
हर रविवार को किसानों का होगा मार्गदर्शन (Farmers will be guided every Sunday)
जी हां, हर रविवार को सोयाबीन की बुवाई (Soyabean Sowing) से लेकर बाजार तक की जानकारी देने लिए किसानों का ऑनलाइन मार्गदर्शन (Online Farmer Guidance) किया जा रहा है.
इस सिलसिले में अभिनेता आमिर खान ने राज्य के कृषि मंत्री दादा भुसे से मुलाकात भी की थी. इस बीच, वाटर फाउंडेशन (Water Foundation) ने सोयाबीन उत्पादन पर एक पुस्तिका भी प्रकाशित की है.
सोयाबीन फसल वाटर फाउंडेशन हाइलाइट्स (Soybean Crop Water Foundation Highlights)
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महाराष्ट्र (Maharashtra) में अब तक पानी फाउंडेशन के माध्यम से जल संरक्षण के कार्य होते रहे हैं. इस बीच टीम ने देखा कि सोयाबीन की मुख्य फसल होने के बावजूद इसकी उत्पादकता अच्छी नहीं है.
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इसी क्रम में पानी फाउंडेशन की ओर से राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों (Agricultural Universities) के शोधकर्ताओं के साथ चर्चा करने और बांध की वास्तविक स्थिति देखने के लिए एक पुस्तक प्रकाशित की गई है. जिसका उपयोग अब सोयाबीन उत्पादन बढ़ाने में किया जाएगा.
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अभिनेता आमिर खान की टीम सोयाबीन क्षेत्र ही नहीं, बल्कि राज्य में उत्पादकता बढ़ाने के लिए काम कर रही थी.
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किसानों को हर रविवार को सोयाबीन की खेती का ऑनलाइन पाठ पढ़ाया गया है.
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उनके अनुसार, राज्य में 50,000 किसानों का पंजीकरण किया गया है.
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साथ ही इस मार्गदर्शन के दौरान किसानों को सोयाबीन की बुवाई से लेकर सही बाजार की ओर भी निर्देशित किया गया है.
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वर्ष भर सोयाबीन का उत्पादन कैसे बढ़ाया जाए, इस पर एक पुस्तक प्रकाशित की गई है और निकट भविष्य में किसानों को दूसरी फसल लेने के लिए निर्देशित किया जाएगा.
सोयाबीन पुस्तक का प्रकाशन (Publication of Soyabean Book)
पानी फाउंडेशन के माध्यम से खरीफ (Kharif) की मुख्य फसल सोयाबीन (Soyabean) का अध्ययन किया गया है. यह किसानों को कटाई में आने वाली कठिनाइयों और उन्हें दूर करने के तरीके के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करता है.
यह पुस्तक हर किसान के लिए उपयोगी है और इसे राज्य के कृषि मंत्री दादाजी भूसे (Agriculture Minister Dadaji Bhuse) ने प्रकाशित किया है.
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