गन्ने की अच्छी उपज लेने के लिए किसान रोगमुक्त अगेती प्रजाति का चयन करते हैं और इस बात का ख्याल रखना काफी आवश्यक है कि गन्ना पौध के साथ साथ पेड़ी फसल का अच्छा उत्पादन हो जो कि किसान को अधिक फायदा पहुंचाती है। इस उद्देशय से गन्ना शोध संस्थान शाहजहांपुर में ने गन्ने की नई किस्म को.शा 8272 विकसित की गई है। ये प्रजाति न केवल अच्छा उत्पादन देती है जबकि काना,कण्डुआ उकठा के प्रति रोधी पाई गई है तथा विवर्ण के प्रति मध्यम रोधी पाई गई हैं। इसकी बुवाई ट्रेंच विधि से करने से किसानों को सवा गुना लाभ मिलेगा। जबकि इसकी उपज पौधा की 108 मी टन/हेक्टेयर तथा पेड़ी की 90 मी टन / हेक्टेयर तक है और गन्ने में शर्करा का प्रतिशत 11.8 से 14.5 पौधे में तथा 12.3 से 12.7 तक है। इस गन्ने की शरदकालीन बुवाई करने से इसकी जड़े मई जून तक काफी हद तक नमी अवशोषित कर लेती हैं, जिसके कारण ये गन्ना सूखता नहीं है।
शोध संस्थान के डॉ. आर के सिंह के अनुसार गन्ना मजबूत जड़ होने के फलस्वरूप बाढ़ के समय में इस गन्ने को कम नुकसान की संभावना होती है। सबसे रोचक बात है कि ये गन्ना भारत की जलवायु के अनुकूल होने के कारण गन्ना वज़न में अक्टूबर से अप्रैल तक हरा भरा बना रहता है व बहुत ज्यादा मध्यम कड़ा होने के कारण ये गिरता नहीं है।
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