पूरे विश्व में भुखमरी की समस्या को मिटाने की मुहिम शुरु हो चुकी है। वैश्विक स्तर पर इतनी बड़ी समस्या को मिटाने के लिए तरह-तरह के प्रस्ताव भेजे जा रहें हैं। इसलिए भारत ने संयुक्त राष्ट्र के सामने रागी,बाजरा जैसे खाद्दान्न के उपजाने के लिए जागरुकता बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा है। दरअसल विशेषज्ञों की शब्दावली में जो शब्द 'बायोफोर्टिफाइड' है उसका मतलब यही है कि देश में पोषक तत्वों वाले खाद्दान्नों का उत्पादन बढ़ाया जा सके।
केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने संयुक्त राष्ट्र संघ को वर्ष 2018 को अन्तर्राष्ट्रीय कदन्न वर्ष घोषित करने का प्रस्ताव भेजा है। जानिए क्या कदन्न आम तौर पर कदन्न को छोटे बीज वाली घास के रूप में वर्गीकृत किया जाता है जिसे प्राय: पोषक तत्व वाले अनाजों अथवा शुष्क भूमि-अनाज का नाम दिया जाता है, और इसमें ज्वार, बाजरा, रागी, छोटे कदन्न, फॉक्सटेल कदन्न, प्रोसो कदन्न, बार्नियार्ड कदन्न, कोदो कदन्न और अन्य कदन्न शामिल हैं।
पूरे उप-सहारा अफ्रीका और एशिया में लाखों छोटी जोत वाले शुष्क भूमि के किसानों के लिए कदन्न की महत्वपूर्ण रेशा अनाज फसल के रूप में कठिन समय में भी पोषण, अनुकूलता, आय और आजीविका प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका है। इसका बहुत से स्रोतों जैसे कि भोजन, आहार, चारा, जैव ईंधन और शराब उत्पादन में पूरा उपयोग नहीं किया गया है। इसलिए कदन्न एक अनुकूल भोजन है जो आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। यह किसानों और सभी पृथ्वीवासियों के लिए लाभकारी है।
जाहिर है कि वैश्विक स्तर पर बढ़ रही भूख की समस्या के कारण लगातार भुखमरी में वृद्धि हो रही है। जिसके कारणल जो वर्षों से नजरअंदाज हो रहे खाद्दान्न हैं उन्हें अब वैश्विक स्तर पर याद किया जा रहा है ताकि जनता को भूख से निजात मिल सके और पोषण सुरक्षा बढ़ सके।
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